दिल्ली. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत ने अपने 45 वीर सपूतों को खो दिया। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। इस हमले के बाद देश उबल उठा है। लोग पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भरोसा दिलाया है कि जवानों के लहू का एक कतराव्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सैनिकों को पूरी आजादी देने की बात कही है। वहीं भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है। 1996 में यह दर्जा पाकिस्तान को भारत ने दिया था। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद अब पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर झटका लगा है।

दुनिया के कई देशों ने भी पाकिस्तान से कारोबारी संबंध खत्म करने का इशारा दिया है। टेरर फंडिंग करने और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में शामिल होने के चलते पाकिस्तान को ‘डर्टी मनी ब्लैकलिस्ट’ सूची में डाला गया है। यूरोपियन देशों के संगठन यूरोपियन यूनियन ने पाकिस्तान को इस सूची में डालने की बात कही है।

डर्टी मनी ब्लैकलिस्ट में डाले जाने के बाद पाकिस्तान से कारोबारी संबंध खत्म हो जाएंगे। यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों के बैंकों को चूना लगाने, मनी लॉन्ड्रिंग करने और आतंकियों को आर्थिक मदद के आरोपों के चलते यूरोपियन यूनियन कमीशन ने सऊदी अरब के साथ-साथ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया है। इस लिस्ट में अमेरिका के भी चार क्षेत्र शामिल किए गए हैं।

EU की डर्टी-मनी ब्लैकलिस्ट में डाले जाने वाले देश के साथ यूरोपीय देश कारोबारी संबंध खत्म कर देते हैं। इन देशों पर कई और सख्त कदम उठाए जाते है। इस लिस्ट में डाले जाने के बाद पाकिस्तान के कारोबारियों को कारोबार करने में कई परेशानियां होगी। ना तो उन्हें न तो आसानी से कर्ज मिलेगा और न ही उनके के लिए बिजनेस करना भी मुश्किल होगा।