पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा। वैश्विक कोरोना महामारी से देश-प्रदेश हर स्तर पर लड़ रहा है. इस वक्त प्रदेश के कई हिस्से भयंकर करोना महामारी के चपेट में आ गए है. दंतेवाड़ा जिले में भी संक्रमण के 93 मामले सामने आए हैं. संक्रमण के फैलाव से बचने के लिए जिले में लॉकडाउन लगाया गया है. लेकिन लापरवाही की वजह से जिले में सामुदायिक संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है. हाल में ही आइसीडीएस दंतेवाड़ा में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस रिपोर्ट के बाद से ही जिले में खलबली मच गई है.

दरअसल. अचानक से ऑपरेटर पॉजिटिव नहीं निकला, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण बीते दस दिनों से दिख रहे थे. मगर विभागीय परियोजना अधिकारी ने आपरेटर से जबरिया काम लिया. इसके साथ ही उसे जिला पंचायत की 16 जुलाई को आयोजित बैठक में भी भेज दिया. इतना ही नहीं मरीज की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने के कुछ घंटे पहले तक ऑपरेटर बाकायदा ऑफिस में ड्यूटी कर रहा था. अब इस तरह की लापरवाही से सामुदायिक संक्रमण की आशंका बढ़ गई है.

जानकारी के मुताबिक समय से पहले ऑपरेटर ने तबीयत बिगड़ने की बात परियोजना अधिकारी संगीता बिंद को बताई थी. मगर वैश्विक महामारी को हल्के में लेना विभाग को भारी पड़ गया. यहां तक कि विभागीय परियोजना अधिकारी के इस गैर जिम्मेदार रवैये के चपेट में अन्य कर्मचारी और बैठक में गये कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक है. मगर परियोजना अधिकारी संगीता बंद मीडिया के सवालों से झल्ला गईं. उन्होंने कहा कि इसका जवाब कलेक्टर और सीडीपीओ से ले लो.

कार्यक्रम अधिकारी बृजेन्द्र सिंह ठाकुर बोले कि ब्लाक स्तर का कर्मचारी था वह उसे छुट्टी देने का अधिकारी परियोजना अधिकारी को है. इसके अलावा स्पष्ट निर्देश हैं अगर किसी भी व्यक्ति को हल्के लक्षण है तो उसे जांच करवाने और घर पर ही रहने दिया जाए

इससे पहले पोंदुम क्वॉरेंटीन सेंटर से एक पॉजिटिव व्यक्ति को आरटीपीसी टेस्ट रिपोर्ट से पहले छोड़ दिया गया था. जिसके घर पहुंचने के बाद पॉजिटिव निकलने से हड़कंप मच गया था. जिस पर क्वारेंटीन सेंटर के दो कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने की वजह से सस्पेंड भी किया गया था. अब देखना ये होगा कि इस तरह की बड़ी लापरवाही के बात लापरवाह अधिकारी पर कोई कार्रवाई होती है या हमेशा की तरह सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई और बड़े अधिकारियों को छोड़ दिया जाएगा.