सुमन शर्मा/कटिहार: जिले में नाव हादसे के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे है और नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार होकर नदी पार कर रहे है. तस्वीर कटिहार के आजमनगर प्रखंड क्षेत्र की है, जहां महानंदा नदी पार करने के लिए लोग नाव पर सवार होते है. बताया जाता है कि आजमनगर प्रखंड के 5 पंचायत सिंहहोल, बेरिया, शीतलपुर, अरिहाना, बागछला की बड़ी आबादी के आवागमन का एक मात्र साधन नाव है, जहां की बड़ी आबादी को प्रखंड मुख्यालय आने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है.

यहां के लोग हर दिन जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे है और नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार होते है. यही नहीं भारी वाहनों को भी लोगों के साथ नाव में पार कराया जाता है, जो किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकता है.

 जान जोखिम में डालकर कर रहे है आवागमन 

बीते रविवार को कटिहार में अमदाबाद प्रखंड के गोलाघाट में नाव हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 लोग अभी भी लापता है, लेकिन लोग इस हादसे के बाद भी सबक नहीं ले रहे है और जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे है. स्थानीय जनप्रतिनिधि पिंकू कहते है कि आजादी के इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस क्षेत्र के ग्रामीण को एक ब्रिज तक मुहैया नहीं हो पाया है. रोहिया में ब्रिज के बन जाने से ग्रामीण विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे, लेकिन अब तक कई  विधायक और सांसद बने, लेकिन यहां के ग्रामीणों की लंबित मांग को पूरा नहीं किया गया.

‘नाव पर क्षमता से अधिक लोग ना हो सवार’

वहीं, उन्होंने कहा कि अगर ब्रिज बन जाता तो ग्रामीण जान जोखिम में डालकर जिस तरह नाव का सहारा ले रहे है. उससे मुक्ति मिल जाती. कटिहार जिला अधिकारी मनेश कुमार मीणा ने अमदाबाद के गोलाघाट में हुए नाव हादसे के बाद लोगों से अपील किया है कि नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार ना हो और नाविक भी इसका ख्याल रखें और जो नाविक क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर सवार करते हैं. उसपर कार्रवाई की जाएगी.

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