नई दिल्ली। पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बीएसएफ के एक जवान को हिरासत में लिया गया है. जवान की रिहाई के लिए 48 घंटे में भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई तीन फ्लैग मीटिंग के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. 40 वर्षीय पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया. वह बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में किसानों को सुरक्षा प्रदान करते हुए अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गया था.
जानकारी के अनुसार, किसान भारतीय क्षेत्र में कंटीली तार की बाड़ के दूसरी तरफ फसल काट रहे थे. बीएसएफ द्वारा तैनात किसान गार्ड ऐसे खेतों में काम करने वाले किसानों के साथ होते हैं, जहां केवल निर्धारित घंटों के दौरान ही पहुंचा जा सकता है. सादी वर्दी में और अपनी सर्विस राइफल लेकर छायादार जगह पर आराम करने के लिए गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया था. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा शॉ की रिहाई में देरी से पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा में रहने वाला उनका परिवार चिंता में है. जवान के पिता भोलानाथ शॉ ने कहा, “वह 17 साल से देश की सेवा कर रहा है… अब हमें बताया गया है कि वह पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में है. मैं जानना चाहता हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित है या नहीं और वह कब वापस आएगा.”
शॉ की पत्नी रजनी ने कहा कि यह उनके एक सहकर्मी ने बताया, न कि बीएसएफ अधिकारियों ने. उन्होंने कहा, “मैंने उनसे आखिरी बार मंगलवार को बात की थी. उनके एक दोस्त ने बुधवार रात करीब 8 बजे फोन करके बताया कि ड्यूटी के दौरान उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने उठा लिया है.” शॉ को हाल ही में पंजाब के ममदोट सेक्टर में स्थानांतरित किया गया था, जहां बीएसएफ की 24वीं बटालियन तैनात है.
उनके चचेरे भाई राजेश्वर पांडे ने कहा कि जिस व्यक्ति ने परिवार को फोन किया था, उसने बताया कि पूर्णम की तबियत ठीक नहीं है, इसलिए वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और सो गया. पांडे ने कहा, “तभी पाकिस्तान रेंजर्स ने उसे उठा लिया. हमने बीएसएफ अधिकारियों को फोन किया और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि उसे वापस लाने के प्रयास जारी हैं.”
शॉ के भतीजे राहुल शॉ ने उन रिपोर्टों पर सवाल उठाए कि जवान गलती से दूसरी तरफ चला गया. उन्होंने कहा, “वह 17 साल से बीएसएफ में है. क्या यह विश्वास करने लायक है कि वह दूसरी तरफ पैदल जाएगा? पहलगाम की घटना के बाद, हम उसके बारे में चिंतित हैं,” परिवार ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र दोनों से उसकी शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की.