रवि गोयल, सक्ती। प्रदेश में भाजपा की सरकार बने लगभग छह महीने हो चुके हैं, लेकिन आज भी कांग्रेस नेताओं को अधिकारियों पर कुछ ऐसा खौफ है, कि उनके मनमर्जी के बिना काम नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि सरकारी तालाब के एक किनारे को पाट कर अपने अवैध प्लाटिंग के मंसूबे को साकार करने वाले कांग्रेसी नेता का भय अभी भी अधिकारियों के मन में बना हुआ है. इसे भी पढ़ें : पीएम मोदी और इतालवी पीएम मेलोन का ‘मेलोडी’ वीडियो हुआ वायरल, कंगना रनौत ने दी प्रतिक्रिया…

वर्षों पुराने प्रकरण में हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करने गुरुवार को राजस्व और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने गांगत डबरी तालाब से अतिक्रमण हटाना शुरू किया. सुबह सात बजे शुरू होने वाला कार्य दोपहर 2 बजे शुरू हुआ, और कुछ देर बाद काम अधूरा छोड़कर अमला रफू चक्कर हो गया. दूसरे दिन भी मौके पर न राजस्व विभाग की टीम पहुंची, न नगर पालिका के अधिकारी, जिसके चलते शुक्रवार को भी गांगत डबरी तालाब से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका.

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जेसीबी नहीं मिलने का बना रहे बहाना

बता दे कि जिस कांग्रेसी नेता पर तालाब पर अतिक्रमण करने का आरोप है, उसकी बखत इतनी है कि सालों तक अधिकारियों की हिम्मत नहीं हुई की कार्रवाई कर सके. सक्ती के जय प्रकाश अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके आदेश को अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था. नई सरकार और नए कलेक्टर के सामने मामला आया, जिस पर संज्ञान लेते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया गया. लेकिन नीचे के अधिकारी जेसीबी नहीं मिलने का बहाना बनाकर कार्रवाई को टालने में लगे हैं.

शिकायतकर्ता जयप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि सक्ति के गांगत डबरी तालाब को पाटकर रास्ता बना दिया गया था, जिसकी शिकायत मैंने सक्ती नगर पालिका और तहसीलदार से की थी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद करीब 15 महीने पहले मैंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जहां से तालाब को पहले की स्थिति में लाने का आदेश आया था. 15 महीने बाद आज कार्यवाही शुरू हुई तो उसे भी बीच में बंद कर दिया गया. अधिकारियों का इनको पूरा संरक्षण मिल रहा है.