विनोद कुशवाहा, बिलासपुर। जिले कोरोना के बढ़ते आंकड़े जहाँ जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा रहे हैं, तो वहीं कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लगाने लगाए लॉक डाउन का असर कुछ जगहों पर दिखाई ही नहीं दे रहा है. शहर सहित आसपास के इलाके में लल्लूराम की टीम ने जो जायजा शहर का लिया और शहर अलग-अलग हिस्सों की जो तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि लोगों को अपनी जान की फिक्र ही नहीं है.

जिले में लॉक डाउन के 16 दिन बीत चुके हैं. प्रशासन का मानना था कि अगर लॉक डाउन लगाया जाएगा तो कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लग सकेगा. लेकिन लोगों की लापरवाही पर कोई अंकुश नहीं है. इसका परिणाम यह है कि बीते शुक्रवार को कोरोना संक्रमण का जो आंकड़ा जारी हुआ उसमें बिलासपुर में 1453 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. प्रदेश के दूसरे जिले में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में आती नजर आ रही है, वहीं बिलासपुर में कुछ लोगों की लापरवाही बाकी के लोगों के लिए भारी पड़ रही है.

जरा तस्वीरों और वीडियो की नजर से देखिए. ये नजारा है चांटीडीह का है जहां पुरानी सब्ज़ी मंडी में लगे ठेलों पर फल और सब्जी खरीदने वालों की भीड़-भाड़ दिख रही है. इससे स्पष्ट है कि लॉक डाउन पूरी तरह से बेअसर है. शनिचरी बाजार की भी तस्वीरे देख लीजिए जहाँ खरीदी करने आये लोग न तो सोशल डिस्टसिंग का पालन कर रहे हैं न ही मास्क लगाए हुए हैं. कोरोना की जांच के सिम्स पहुँच रहे लोग भी कोविड के नियमों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल तिलकनगर सहित बाकी के इलाकों का है.

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लोगों की इसी लापरवाही के चलते जहाँ कोरोना के बढ़ते आंकड़े शासन प्रशासन की चिंता बढ़ा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कोरोना से बढ़ता मौत का ग्राफ भी परेशान कर रहा है. लॉकडाउन को लगे 16 दिन हो गए हैं. इस दौरान करीबन 1000 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. लेकिन लोग है कि मानते ही नहीं रहे हैं. जिंदगी से जुड़ी खरीदारी तो रोज होती रहेगी. अभी जरूरत है कोरोना की बढ़ती रफ्तार और हर दिन बढ़ते मौतों के आंकड़े को रोकने की. अब मर्जी आपकी है क्या आप कितने गंभीर जिंदगी के लिए.

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