शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में वर्षों से सीमांकन को लेकर दर-दर भटकने के बाद पचोर तहसील कार्यालय के बाहर किसान अपने परिवार के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है। किसान ने बताया कि, राज्यमंत्री का अश्वासन भी काम नहीं आया। 15 दिन का समय दिया था लेकिन महीनों निकल गए।
मामला पचोर तहसील के हालुहेड़ीकला गांव का है। जहां एक किसान अपनी जमीन के सीमांकन के लिए तहसील कार्यालय पचोर, एसडीएम कार्यालय सारंगपुर और कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर लगा रहा था। थक हारकर तीन दिन पहले थाने व तहसील को धरने पर बैठने की सूचना दी। इसके बाद आज परिवार के साथ किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है।
पचोर तहसीलदार प्रियांक श्रीवास्तव ने बताया कि, कभी भी रामबाबू का कब्जा नहीं रहा है और वर्तमान मे वहां मकान भी बन गए। उन्होंने कहा इससे पहले पदस्थ अधिकारियों द्वारा दो से तीन बार सीमंकन दल जा चुका है और वर्तमान मे प्रकरण सारंगपुर एसडीएम के यहां चल रहा है। वहीं 10 महीने पहले राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने अफसरों को 15 दिन में निराकरण करने के निर्देश दिए थे। लेकिन। उसके बाद भी सीमांकन नहीं हुआ।
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