लक्ष्मीकांत बंसोड,डौंडी(बालोद)। एक तरफ सरकार लोगों को मिट्टी के दीये जलाकर दिवाली मनाने के लिए प्रेरित कर रही तो दूसरी ओर स्वप्रेरित दो गांव में मिट्टी के दीये के जरिए सामाजिक बदलाव लाने की पहल हो रही है बालोद से 12 किमी दूर ग्राम जगन्नाथपुर में यादव परिवार ने 115 परिवारों को 575 दीपक बांटकर इसे बेटियों के सम्मान में दिवाली के पांच दिन हर आंगन में जलाने की अपील की है. धनतेरस से गांव में बेटियों के सम्मान में दीया जलना शुरू हो गया है. यह सिलसिला दिवाली के पांचों दिन चलेगा. घर के सामने दिवाली परपढ़ाओ, बेटी है तो कल है, थीम पर रंगोली सजेगी. जिसमें 151 दीये से रोशनी की जाएगी. लोगों को प्रेरित करने व इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने एक पोस्टर भी लगाया गया है.

देवरी (मोहंदीपाट) में पर्यावरण प्रेमी भोज साहू ने 1000 दीपक बांटकर लोगों को इको फ्रेंडली दिवाली मनाने प्रेरित कर रहे हैं. दोनों गांव में इस पहल का दूसरा उद्देश्य कुम्हारों के जीवन में उजाला लाना भी है. आज आधुनिकता के दौर में लोग चाइनीज लाइटों व प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले आतिशबाजी के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. वहां इन दोनों गांवों में लोग दिवाली को एक अलग अंदाज में मना रहे हैं.

पोती के नाम से दादी ने बांटे दीये

जगन्नाथपुर में दादी मधु लता यादव ने हर घर में पांच-पांच दीये बांटे. यह पहल उन्होंने अपनी पोती वैष्णवी (5 माह) के नाम से किया है. दादी ने कहा ऐसा करने का उद्देश्य बेटियों को प्रोत्साहित करना है. लोगों में बेटी, बेटा के प्रति फर्क दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. पहले भी इस परिवार ने नामकरण संस्कार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर बेटी की ओर से ही कार्ड जारी कर नवाचार किया था.

पुरुर के कमलदेव भी जला रहे हैं 51 दीये

पहल से प्रभावित होकर अन्य लोग भी अपने गांव में लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. पुरुर के कमल देव साहू भी बेटियों के सम्मान में अपने घर के सामने 51 दीये जला रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नहीं है. एक बेटा है, पर बेटी की चाह बहुत है. गुरुर के शिक्षक धीरज चंदेल ने कहा कि खुद व अपने स्कूल के बच्चों के साथ भी वे इसी तरह की पहल कर रहे हैं.

गरीब परिवारों के साथ सार्थक दिवाली

भोज साहू, देवरी व डोंगरगांव में 1000 दीये बांट कर लोगों को इको फ्रेंडली दिवाली के लिए प्रेरित कर रहे हैं. लोगों को चाइनीज लाइट्स की रोशनी से होने वाले नुकसान भी बता रहे हैं. लोगों को खुद मिट्टी के दीये देकर सभी को कुम्हारों से दीये खरीदने प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि उन गरीब कुम्हारों की दिवाली भी अच्छी मने. गरीब परिवारों को वे दीये देकर दिवाली का उत्साह बढ़ा रहे हैं.

दूसरे जिले के लोग भी हुए प्रेरित

बालोद ब्लॉक के यादव परिवार की इस अनूठी पहल से दूसरे जिले के लोग भी प्रेरित हुए हैं. पड़ोसी जिले दुर्ग के निकुम निवासी दिलीप कुमार भी अपने गांव में लोगों के घर बेटियों के नाम से पांच-पांच दिया बांटे हैं. जिन्हें दिवाली में जगमग किया जाएगा. इसी तरह बलौदा बाजार जिले के भटगांव में भी निराला परिवार ने भी इसी तरह से पहल करते हुए हर घर बेटियों के सम्मान में दिए बांटकर जलाने की परंपरा शुरू की है. यादव परिवार ने कहा कि इस परंपरा को हमेशा कायम रखा जाएगा और हर दिवाली में भी इसी तरह से मिलजुल कर पहल करेंगे. एक अच्छी सोच को लोगों तक पहुंचाने के लिए माध्यम बने सभी मीडिया संस्थान के प्रति भी यादव परिवार ने आभार जताया.