हिंदू नववर्ष के साथ ही इस दिन हिंदू कैलेंडर का प्रारंभ हुआ था. ये भारतीय नववर्ष चैत्र माह से शुरू होकर फाल्गुन माह को समाप्त होता है. अंग्रेजी नव वर्ष की तरह भारतीय नववर्ष में भी कुल 12 महीने होते हैं. इस दिन भी अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित है. गुड़ी पड़वा, जिसे लोकप्रिय रूप से संवत्सर पड़वो के नाम से जाना जाता है, का अर्थ है महाराष्ट्र में नए साल का पहला दिन होता है.

महाराष्ट्र में लोग गुड़ी पड़वा को बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. इस वर्ष, मराठी नव वर्ष 22 मार्च, 2023 को मनाया जा रहा है, जिस दिन नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव शुरू होता है. इस दिन को कर्नाटक में युगादि और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में उगादी के नाम से मनाया जाता है. Read More – कम ही लोगों को नसीब होता है इन फलों का स्वाद, मार्केट में नहीं गली-मोहल्लों में बिकते हैं ये Fruit …

कश्मीर में ‘नवरेह’, मणिपुर में सजिबु नोंगमा पानबा कहा जाता है. वहीं गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय के लोग इसे संवत्सर पड़वो का पर्व मनाते हैं. सिंधि समुदाय के लोग इस दिन चेती चंड का पर्व मनाते हैं. Read More – करौली महावीर जी में 1 अप्रैल से लगेगा वार्षिक मेला, रोडवेज चलाएगा 60 स्पेशल बसें …

ब्रह्माजी ने की थी सृष्टि की रचना

शास्त्रों के अनुसार गुड़ी पड़वा को संसार का पहला दिन भी माना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, संसार में सूर्य देव पहली बार उदित हुए थे. वहीं पौराणिक कथा के अनुसार त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने इसी दिन बालि का वध करके लोगों को उसके आतंक से छुटकारा दिलाया था. इस दिन को लोग विजय दिवस के रूप में मनाते हैं. यही वजह है कि इस खुशी के मौके पर घरों के बाहर रंगोली बनाई हैं और विजय पताला लहराकर जश्न मनाया जाता है.