ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर ही घमासान शुरु हो गया . ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप को नकारने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर उनकी ही पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने सवाल उठाये हैं. तो वीरप्पा मोईली ने ईवीएम में छेड़छाड़ को पराजयवादी मानसिकता करार दिया है. दिग्विजय सिंह ने ईवीएम टेंपरिंग के चुनाव आयोग की चुनौती पर सवाल उठाए हैं.

इस मामले पर कांग्रेस के भीतर का विवाद तब गहराया जब तिवारी ने गुरुवार को ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 2010 और उससे भी पहले 2001 में जब अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब खुद उन्होंने करके बताया था कि ईवीएम से कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है.’

दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ईवीएम से छेड़छाड़ करने की चुनाव आयोग की चुनौती पर ही ट्वीट करके सवाल उठाया. सिंह ने ट्वीट किया कि हैकिंग करने वाले जबरदस्त बिजनस कर रहे हैं, वे खुद को क्यों सामने आने देंगे?’ क्या आप सोचते हैं कि बीजेपी और हैकर्स मूर्ख हैं? चुनाव आयोग इतना अनाड़ी क्यों बन रहा है’

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईवीएम से छेड़छाड़ के अपनी ही पार्टी के आरोपों को बुधवार को खारिज करते हुए कहा था कि अगर ऐसा होता तो वह पंजाब में सत्ता में नहीं आ पाते. कैप्टन ने कहा था, ‘अगर ईवीएम में छेड़छाड़ होती तो मैं यहां सीएम की सीट पर नहीं बैठा होता बल्कि अकाली दल का कोई नेता यहां होता.’

कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘पराजयवादी मानसिकता’ करार दिया था।