रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आरएसएस की नक्सलियों से तुलना करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिसको जैसे संस्कार मिलते हैं, उसी संस्कार के तहत अभिव्यक्ति होती है. मुख्यमंत्री की आरएसएस को लेकर की गई अभिव्यक्ति ओछी मानसिकता का प्रतीक है.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाढ़, आपदा, तूफ़ान जैसी कठिन परिस्थितियों में आरएसएस का संगठन सबसे आगे खड़ा होता है. भूपेश को शायद नहीं मालूम कि 1962 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का न्योता दिया था. देश में बढ़ते धर्मांतरण को रोकने का काम आरएसएस करता है. बच्चों को संस्कार देना, शिक्षित बनाना, राष्ट्रभक्त बनाना संघ की शाखाओं में सिखाया जाता है. देश के प्रति अटूट भक्ति सिखाई जाती है.
इसे भी पढ़ें : BREAKING : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरएसएस की नक्सलियों से की तुलना, जानिए क्या दिया तर्क…
उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर से बच्चे संस्कार लेकर बाहर निकलते हैं. वनवासी कल्याण आश्रम के ज़रिए देशभर में धर्मांतरण के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाया जाता है. आज भूपेश बघेल की मानसिकता दिख गई. कवर्धा की घटना को छोटा बता रहे हैं. भगवा ध्वज को कुचला गया. उसे बचाने गए दुर्गेश को बेहोश होते तक मारना और इसके बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं करना. ये बहुसंख्यक समाज को दबाने का काम किया गया.
इसे भी पढ़ें : हसदेव अरण्य पर मुख्यमंत्री बघेल ने कही बड़ी बात, कहा- बातचीत के लिए सरकार तैयार, नहीं आया उनकी ओर से ऑफर…