कुंदन कुमार/पटना। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन के अलावा कई नए चेहरे और छोटे दल भी मैदान में उतरने को तैयार हैं। इनमें से कुछ चेहरे ऐसे हैं जो पहले प्रशासनिक सेवा में रह चुके हैं। अब वे अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रख रहे हैं। ऐसा ही एक नाम सामने आया है आदित्य शिवकुमार जो हाल ही में भूमि उप समाहर्ता (DCLR) के पद से इस्तीफा देकर मुजफ्फरपुर की औराई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन आदित्य शिवकुमार का चुनाव लड़ने का मकसद सिर्फ विधायक बनना नहीं है बल्कि उनका लक्ष्य है पूर्व मंत्री रामसूरत राय को हराना जिन्हें वे अपने परिवार की पीड़ा का जिम्मेदार मानते हैं।

बेटे की बीमारी, तबादला और मंत्री से टकराव

आदित्य शिवकुमार का प्रशासनिक करियर 2021 में शुरू हुआ था, जब वे बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित होकर मुजफ्फरपुर के कांटी अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी बने। उसी दौरान उनके बेटे की तबीयत अचानक गंभीर हो गई। इलाज के लिए उन्हें लगातार बिहार से बाहर जाना पड़ता था। उनका बेटा कोमा में चला गया था और हालत नाजुक बनी हुई थी।
इसी दौरान उनका तबादला नेपाल बॉर्डर के पास एक दूरदराज क्षेत्र में कर दिया गया। तब कांटी के स्थानीय लोग और कई जनप्रतिनिधियों ने उनके तबादले का विरोध किया और प्रदर्शन भी किया लेकिन विभाग ने तबादला रद्द नहीं किया।

55 लाख लगेंगे तबादला रोकने के लिए

आदित्य शिवकुमार का दावा है कि उन्होंने बेटे की हालत के चलते तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय से पटना में मिलकर तबादला रोकने की अपील की। लेकिन मंत्री ने कथित तौर पर कहा जहां ट्रांसफर हुआ है वहीं जाओ अगर रोकना है तो 55 लाख लगेंगे। उन्होंने कहा मेरे बेटे की हालत देखकर मैं पहले ही टूट चुका था। ऐसे में जब मंत्री जी ने पैसों की बात की, तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं था सब कुछ बेटे के इलाज में खर्च हो रहा था।

तब ही तय कर लिया था, जवाब चुनाव में दूंगा’

आदित्य शिवकुमार ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। बेटे के इलाज में वे 2022 तक लगे रहे, लेकिन साथ ही उन्होंने उसी वक्त तय कर लिया था कि 2025 के विधानसभा चुनाव में रामसूरत राय को औराई से हराकर ही जवाब देंगे। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी लेकिन उच्च स्तर पर मामला पहुंचने के बाद इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस वक्त नियमित ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक भी लगा दी थी।

अब चुनाव की तैयारी, पार्टी मिले या न मिले चुनाव लड़ेंगे

अब जब चुनाव नजदीक है आदित्य शिवकुमार ने पूरी तरह से राजनीति में उतरने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है अगर कोई पार्टी टिकट देती है तो ठीक वरना निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। औराई की जनता मेरे साथ है। उन्होंने यह भी बताया कि आज भी उनका बेटा पूरी तरह ठीक नहीं हो पाया है और उसकी वर्तमान हालत के लिए वे रामसूरत राय को जिम्मेदार मानते हैं।