नई दिल्ली. कश्मीर की वादियों से निकलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के जरिए देश में अपनी पहचान बनाने वाले शाह फैजल ने लोकसभा चुनाव से पहले ‘हवा बदलेगी’ के नारे के साथ जम्मू एण्ड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के नाम से राजनीतिक दल का गठन कर लिया. इस नई पारी में उन्हें जवाहर लाल नेहरू की छात्र नेता शहरा राशिद का साथ मिला है.

जम्मू एंड कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के गिंदुन पार्क में रविवार को राजनीतिक दल जम्मू एण्ड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) शाह फैजल की तस्वीरों वाली बैनर और पोस्टर के जरिए को लांच किया गया. इस दौरान मौजूद मीडियो को संबोधित करते हुए फैजल ने कहा कि मैने 10 साल पहले सिविल सर्विसेज ज्वाइन किया था. इन सालों में मुझे अहसास हुआ कि डॉक्टर के रूप में मेरा इलाज गलत था. मेरा मानना था कि सड़क, बिजली और साफ पानी मुहैया कराए जाने से हम लोगों का जीवन बदल सकते हैं. लेकिन अब मै महसूस कर रहा हूं कि जब तक कश्मीर का युवा भय के वातावरण में रहेगा, जब तक हमारी माताएं- बहनें अपनी करीबियों को खोने का भय सताता रहेगा, यहां कुछ नहीं हो सकता.

फैजल ने कहा कि ऐसी स्थिति में  बहुत से लोग जन्म लेने वाले नए विचार को बहुत से लोग स्वीकार न करें, कोई हमें सेना का एजेंट तक बता दें, लेकिन मैं हर तरह की आलोचना झेलने को तैयार हूं, लेकिन कश्मीर में एक नई सुबह को लेकर हमारा प्रयास जारी रहेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर के राजनेता वर्तमान में मानसिक तौर पर जकड़न और गुलामी की स्थिति में है, और जकड़न की इस मानसिकता खत्म होनी चाहिए.

भावुकता के साथ जोड़ने का प्रयास

फैजल के राजनीतिक दल की घोषणा के दौरान उनका परिवार साथ था. फैजल ने सच के साथ खड़े रहने की अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि मेरा पूरा परिवार इस मौके पर साथ में खड़ा है. मेरा छोटा बेटा सुन रहा है कि मै क्या बोल रहा हूं, वायदे कर रहा हूं. मैं ऐसा कुछ नहीं करुंगा जिससे मेरे बेटे को लगे उसका पिता गलत वादा कर रहा है या लोगों से झूठ बोल रहा है. जेकेपीएम का लक्ष्य एक समग्र और बहुवादी समाज की दिशा में काम करना, जिसमें समाज के वंचित समुदाय को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिले. हम जम्मू एंड कश्मीर में पारदर्शी, साफ-सुथरी भ्रष्टाचार से मुक्त राजनीति की दिशा में काम करेंगे.