रायपुर। रायपुर नगर निगम की वर्तमान कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि नगर निगम को जनहित की चिंता नहीं बल्कि खुद की कमाई की ज्यादा चिंता है. उन्होंने तेलीबांधा तालाब में रिक्रिएशन पार्क, प्ले एरिया, फूड जोन और व्यू पाइंट जैसे कार्यों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नगर निगम केवल व्यावसायिक चोला पहनकर कमाई के उद्देश्य से नए-नए प्लान तैयार कर रहा है.
राजेश मूणत ने कहा कि तेलीबांधा तालाब की खाली भूमि पर रिक्रिएशन पार्क के नाम पर कमर्शियल उद्देश्य को पूरा करने का फैसले राजधानीवासियों को समझ नहीं आ रहा है. क्योंकि यह सीधे-सीधे एक प्राइवेट कंपनी का दखल कराकर व्यवसायिक प्रायोजन के लिए निमंत्रण देना जैसा है. तेलीबांधा तालाब के सौंदर्यीकरण के समय सरकार की मंशा थी कि चूंकि सामने मुख्यमार्ग का भाग व्यावसायिक उपयोग के लिए छोड़ा जा चुका था.
उन्होंने कहा कि तालाब के स्वरूप को NGT के नियमों के तहत अधिक से अधिक खुला रखते हुए उसमें चारों तरफ पैदल चलने चौड़ा खुला वाकिंग पाथ वे, गार्डन, चिल्ड्रन प्ले स्पेस, ओपन जिम रखकर उसके स्वरूप को खूबसूरत और जीवित रखा जाए. लेकिन अब चंद पैसों की लालच में इससे छेड़छाड़ की जा रही है, जिससे आसपास का खुला भाग कम हो गया और व्यावसायिक होने के कारण उक्त क्षेत्र केवल वर्ग विशेष के लिए सीमित हो जाएगा, जिससे सड़क की तरफ यातायात बढ़ने की संभावना है.
तोड़ा राजधानीवासियों का भरोसा
राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने राजधानीवासियों का भरोसा तोड़ा है. तेलीबांधा की जमीन पर गिद्ध नजर यह साबित कर रही है कि इनका एकमात्र उद्देश्य है कि आने वाली भावी पीढ़ी के लिए कुछ न छोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी नगर निगम कई करोड़ रुपए बर्बाद कर दिए है. अब तेलीबांधा रिक्रिएशन के नाम पर निजी कंपनी को सौंपने का निर्णय ले रहे है. यहां यही सवाल उठता है कि शहर की धरोहर को बंधक बनाकर मोटी कमाई का रास्ता देख रहा है, राजधानीवासी जानते हैं कि जो नगर निगम 70 वार्डों में प्रतिदिन कचरा गाड़ी नहीं भेज पा रहा है, वह रिक्रिएशन पार्क की देख-रेख कैसे कराएगा.
नगर निगम को देखनी चाहिए शहर की हालत
मूणत ने नगर निगम की योजना पर आपत्तियां जताते हुए आरोप लगाया कि नगर निगम को शहर की हालत देखना चाहिए, जिस प्रकार बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण करने के नाम पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भव्य आयोजन कराया गया, आज वहां 5 करोड़ की लागत से लगाए गए म्युजिकल फाउंटेन पर कचरा जमा हो गया है. नोजल में फंसे इस कचरे को निकालने की जगह बंद हुए फौव्वारा का सिस्टम ही नहीं सुधारा गया है. इसी तरह स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में किए गए पहले के कार्यों का ही बुरा हाल है. उन्होंने कहा कि परिणाम देखा जा सकता है जहां पर 70 लाख की लागत से 20 जगह वाटर एटीएम लगाए गए थे, सभी बंद हैं. इस ओर नगर निगम का ध्यान क्यों नहीं जाता है.
मूल कामों में पिछड़ा नगर निगम
पूर्व मंत्री मूणत ने यह भी आरोप लगाया कि नए प्रोजेक्ट के बहाने सिर्फ व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है. कांग्रेस शासनकाल में रायपुर नगर निगम की हालत ऐसी हो गई कि जहां 120 करोड़ रुपये का प्रापर्टी टैक्स वसूल होना था, वहां सिर्फ 35 फीसदी ही वसूली कर पाए हैं. अपने मूल कामों में पिछड़े नगर निगम के लिए ऐसी दशा शहर के विकास में रोड़ा बनने वाला ही है. शहर में जो हाल है उसमें 175 उद्यान आज जर्जर हालत में समा गए हैं.
भाजपा शासन में सिर्फ जनहित के हुए काम
मूणत ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में केवल जनहित के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए काम हुए. उन्होंने बताया कि जब आक्सीजोन बनाया गया तो मकसद सिर्फ शुद्ध वातावरण देने का था. इसी तरह कटोरा तालाब का सौंदर्यीकरण किया तो वहां भी इसे ही प्राथमिकता से रखा. उन्होंने बतौर नगरीय निकाय मंत्री रहते हुए पब्लिक वेलफेयर में ही निर्णय लिए. यह भी बताया कि जब तेलीबांधा का सौंदर्यीकरण शुरू किया, उसके पहले लोगों का व्यवस्थापन कराया. आमजनों को कोई परेशानी न हो, इस तरह से फैसले लिए, उन्हें वहीं मकान दिया जाए. इसके लिए मकान का निर्माण कराया गया, मगर आज कांग्रेस का मकसद बिल्कुल ही बदल गया है.