रायपुर। ईसीएचएस से अनुबंधित प्रदेश के अस्पतालों का बकाया भुगतान नहीं होने से पूर्व सैनिकों को कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने की नौबत आ गई है. एएचपीआई ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर से इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अस्पतालों को उनके अतिदेय का भुगतान करने का अनुरोध किया है, जिससे पूर्व सैनिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं निर्बाध रूप से प्रदान की जा सकें.

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) छत्तीसगढ़ चैप्टर ने एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) से अनुबंधित अस्पतालों के लंबित भुगतान के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है. एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और सचिव अतुल सिंघानिया ने ईसीएचएस जबलपुर के रीजनल डायरेक्टर को पत्र लिख कर इसकी प्रतिलिपि रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह, रक्षा सचिव भारत सरकार, ईएसडब्लू के संयुक्त सचिव और ईसीएचएस रायपुर के मुख्यालय को भेजी है.

डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि पत्र में उन्होंने रक्षा मंत्री और अधिकारियों के संज्ञान में लाया है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश भर के ईसीएचएस से अनुबंधित अस्पताल, जो पूर्व सैनिकों को कैशलैस चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं, उनको बहुत लम्बे समय से ईसीएचएस से बिलों का भुगतान नहीं तीन सालों से नहीं किया गया है.

एएचपीआई की राष्ट्रीय बॉडी द्वारा इस विषय पर ईसीएचएस से राष्ट्रीय स्तर पर की गयी चर्चा के बाद हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया है कि ईसीएचएस के पास अभी फंड उपलब्ध नहीं है और अस्पतालों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए लगभग 2,100 करोड़ रुपए की तत्काल आवश्यकता है, जिसके अभी ईसीएचएस को आवंटित होने की बहुत कम संभावना है.

एएचपीआई ने पत्र में भुगतान नहीं होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के सूचीबद्ध अस्पतालों को मजबूर होकर पूर्व सैनिकों को कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं देना बंद करना पड़ेगा. देश की सुरक्षा में अमूल्य योगदान देने वाले हमारे भूतपूर्व सैनिकों के साथ यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा, लेकिन बकाया भुगतान न होने की स्थिति में अस्पतालों के पास कैशलेस इलाज बंद करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा.

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