हेमंत शर्मा, इंदौर। कोरोना वायरस के कहर की वजह से इस साल बोर्ड की परीक्षाएं नहीं हुई। ऐसे में स्कूलों द्वारा ली गई परीक्षा फीस को वापस न करने के मुद्दे पर अब इंदौर अभिभावक संघ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। मंत्री इंदर सिंह परमार के बयान के बाद जिला अभिभावक संघ ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल और शिक्षा विभाग नुकसान की बात करने लगे हैं, जबकि उन्हें फिलहाल उचित शिक्षा पर बात करनी चाहिए।
अभिभावक संघ का कहना है कि 2 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ था। अभी भी कई लोगों के पास रोजगार नहीं है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा विभाग बच्चों से एग्जाम के लिए ली गई फीस को वापस कर दे। इससे अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि समय रहते ही सरकार को फैसला कर लेना चाहिए। इससे सरकार की संवेदनशीलता भी प्रस्तुत होगी।
शिक्षा मंत्री का बयान
गौरतलब है कि फीस माफ करने की चर्चाओं के बीच कल ही उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सारी स्थिति साफ कर दी थी। उन्होंने कहा था कि छात्रों की फीस वापस नहीं की जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना था कि फीस वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। क्योंकि परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई थी। उत्तर पुस्तिकाएं भी छपवा ली गई थी।
विधायक ने की थी मांग
वहीं मामले को लेकर बीते गुरुवार बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा था। जिसके जरिए उन्होंने अभिभावकों को बच्चों की परीक्षा फीस वापस करने का आग्रह किया था।
विधायक नारायण त्रिपाठी ने CM को इस बात से अवगत कराया था कि जब परीक्षाएं ही नहीं हुई हैं, तो बोर्ड पर किसी भी तरह का आर्थिक भार नहीं आया है। ऐसे में Corona संकट की स्थिति को देखते हुए बच्चों की फीस लौटा देनी चाहिए।
अभिभावकों में आक्रोश
गौरतलब है कि इस बार corona की दूसरी लहर में MP में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई थी। लेकिन बोर्ड ने पहले ही फीस अभिभावकों से ले ली थी। इतनी परेशानियों के बावजूद बच्चों के माता पिता ने परीक्षा फीस दी थी, जो अगर उन्हें वापस लौटा दिया जाता है, तो पलकों को बड़ी राहत मिल जाती। लेकिन अब शिक्षा मंत्री के फैसले के बाद अभिभावकों में काफी आक्रोश है।