न्यायमुद्दीन अली, अनूपपुर। यह सच है कि एक अरसे से भारत में ना सिर्फ अलग-अलग धर्म और जाति के लोग सौहार्द पूर्ण रहते आए हैं बल्कि कई मौकों पर यहां विभिन्न धर्म के लोगों ने एक दूसरे के प्रति नेकी और भाईचारे की अनोखी मिसाल भी पेश की है। ऐसी ही एक तस्वीर अनूपपुर जिले के अमलाई आपसी प्रेम को दिखा रही है।अनुपपुर मुख्यालय में मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा ईद की नमाज के बाद परशुराम जयंती पर ब्राम्हण समाज के लोगों के द्वारा निकाली गई विशाल रैली का फूल बरसाकर इस्तकबाल किया और शरबत पिला आपसी एकता और एक-दूसरे के धर्मों के प्रति सम्मान की एक मिसाल पेश की।
अनुपपुर जिले के बस स्टैंड के पास एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो हिन्दू मुस्लिम के सौहार्द व प्रेम मिसाल कायम किया। आज मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ईद की नमाज के बाद परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में ब्राम्हण समाज द्वारा एक विशाल रैली निकाली गई। रैली जैसे ही बस स्टैंड से होकर गुजर रही थी, तभी मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पहले फूल से स्वागत करते हुए उनका तरल पदार्थ देकर स्वागत किया। वहीं ब्राम्हण समाज के लोगों द्वारा भी ईद की बधाई दी गई। आपसी एकता और एक-दूसरे के धर्मों के प्रति सम्मान की एक मिसाल पेश की। संभाग का एकलौता एक मात्र जगह है जहां हिन्दू मुस्लिम के लगभग सभी त्यौहार एक दूसरे के साथ मिलकर एक-दूसरे के धर्मों के प्रति मिशाल पेश करती चली आ रही है।
यह तस्वीर अपने आप में एक बेहद ही अनूठी कहानी बयां कर रही है, और वो कहानी है हिंदू-मुस्लिम एकता की तस्वीर में आपको एक जगह पर दो धर्म के लोग नजर आ रहे होंगे और साथ ही नजर आ रहा है। इनका आपसी सौहार्द। दरअसल यह तस्वीर एक आईना भी है धर्म के उन ठेकेदारों के लिए जो समाज में धर्म के नाम पर इंसान और इंसान के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश करते हैं। जानकारी रईस खान, अध्यक्ष-वक्फ बोर्ड कमेटी और रामनारायण उरमलिया अध्यक्ष ब्राह्मण समाज अनूपपुर ने दी।
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