सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। शराब दुकान में प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों की जांच के लिए पहुंची आबकारी विभाग पर मारपीट के साथ लूटपाट का गंभीर आरोप लगा है. प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों की शिकायत पर वाड्रफनगर पुलिस ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया है. इसे भी पढ़ें : बलौदाबाजार हिंसा पर गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा- पूरे षड्यंत्र का होगा पर्दाफाश, अभी होंगी और कार्रवाइयां…

जानकारी के अनुसार, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर स्थित शासकीय शराब दुकान में प्लेसमेंट एजेंसी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बिहार और झारखंड के लोगों को लगाकर रखने की शिकायत हुई थी. मामले की जांच करने जिला आबकारी अधिकारी सुनील सूर्यवंशी अपनी टीम के साथ दुकान में पहुंचे थे.

दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि जांच टीम रात करीबन 8 बजे दुकान में पहुंची और सीसीटीवी को रहस्यमय तरीके से बंद कर दिया गया. जांच पूरी होने के बाद सीसीटीवी को फिर से चालू कर दिया गया. कर्मचारियों का आरोप है कि टीम ने उनकी पिटाई करने के साथ दुकान में रखे 85 रुपए लूट लिए.

मामले में एसडीओपी राम अवतार ध्रुव ने बताया कि पुलिस के पास शिकायत आई है. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है. आबकारी विभाग भी जांच कर रहा है. जांच पूर्ण होने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं आबकारी अधिकारी अभिषेक राजवाड़े ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी एसके सूर्यवंशी जांच करने दुकान गए थे. उन्होंने निर्देशित किया है कि प्लेसमेंट एजेंसी के तहत अन्य राज्य के लोग काम कर रहे हैं, उन्हें बाहर किया जाए. वहीं आबकारी विभाग ने भी बताया कि लगभग 96 हजार रुपए की राशि की गड़बड़ी सामने आ रही है.

अब लोग सवाल इस बात पर उठा रहे हैं कि अगर प्लेसमेंट एजेंसी ने फर्जी तरीके से कर्मचारियों की भर्ती की है, तो इस बात की जांच रात में करने की क्या जरूरत थी, वह भी सीसीटीवी बंद कर. यही नहीं कर्मचारियों की मारपीट और लूटपाट करने की शिकायत पर पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया है, जिसके बाद उन्हें एसपी कार्यालय में आवेदन देने पर मजबूर होना पड़ा है.