संतोष तिवारी, विनोद दुबे. जगदलपुर/ रायपुर। इस साल सन 2018 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है. नक्सलियों ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों की सूची जारी की है. जिसके अनुसार देश भर में 200 नक्सली मारे गए हैं वहीं छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में 150 नक्सलियों की मौत हुई है. इनमें सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में 72 महिलाएं शामिल हैं. दक्षिण सब जोनल ब्यूरो भाकपा(माओवादी) की ओर से यह पर्चा जारी किया गया है.

जो नक्सली मारे गए हैं उनमें दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के एसी/पीपीसी स्तर के में 65 नक्सली शामिल हैं. नक्सलियों ने अपनी सूची में बताया है कि उनके सेन्ट्रल रीजनल ब्यूरो के दायरे में आने वाले 11, बिहार-झारखंड में 20, तेलंगाना में 4, आंध्रा-उड़ीसा सीमा में 8, उड़ीसा में 12, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा में 6, पश्चिम घाटियों के ट्राई जंक्शन इलाके में 1 नक्सली की मौत हुई है.

नक्सलियों ने मीडिया को जारी किए गए अपने पत्र में सरकार के ऊपर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप भी लगाया है. नक्सलियों का आरोप है कि फोर्स ने फर्जी मुठभेड़ कर आदिवासियों की हत्या की है. उन्होंने उन इलाकों के नाम भी जारी किए हैं, जहां उन्होंने फर्जी मुठभेड़ की बात कही है. इसके साथ ही नक्सलियों ने सरकार द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन ग्रीन हंट के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है. सरकार ने ग्रीन हंट को अब समाधान नाम दे दिया है.

जवानों की हत्या और अत्याधुनिक हथियार लूटे

इसके अलावा नक्सलियों ने मुठभेड़ के दौरान मारे गए जवानों के आंकड़े भी जारी किया है. जिसके अनुसार जनवरी से लेकर जून 2018 तक 30 जवान मुठभेड़ में मारे गए. वहीं 54 जवान गंभीर रुप से घायल हुए हैं. पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सलियों ने अत्याधुनिक 10 हथियार लूटने की भी जानकारी दी है.

रमन और मोदी सरकार ने कार्पोरेट का विकास किया

दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के नाम से जारी किए गए पर्चे में रमन सरकार पर निशाना साधा गया है. जिसमें कहा गया है कि सरकार बीते 15 सालों में कार्पोरेट विकास माडल लागू करके चल रही है. प्रदेश में प्रतिदिन 3 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शोषण, उत्पीड़न बढ़ने लगा है. अपने वाजिब मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, नर्स, शिक्षाकर्मी आंदोलनरत हैं. आंदोलन करने वालों पर लाठीचार्ज, जेल, निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई की जा रही है. मोदी रमन सरकार का सबका साथ सबका विकास का मतलब कार्पोरेट का साथ कार्पोरेट का विकास है. बीते 3 सालों में सरकारी बैंकों से 1 लाख 11 हजार 7 सौ 38 करोड़ रुपए टाटा, एस्सार, जिंदल जैसी कार्पोरेट कंपनियों ने खुली लूट की है.

बैकफुट पर नक्सली- रतन लाल डागी

बस्तर डीआईजी रतन लाल डागी ने कहा है कि हां नक्सली पर्चा मिला है. इस पर्चे  में देश भर में हुए नक्सलियों की मौत के आंकड़ें हैं. पर्चे से यह पता चल रहा है कि नक्सली अब बैकफुट पर हैं. दण्डकारण्य इलाके में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है. हम माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी रखेंगे.