रायपुर। रमन सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव तैयार हो चुका है. सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के जरिए कांग्रेस ने बताया है कि सरकार कही से भी भरोसे लायक नहीं है. सरकार ने जनता के साथ बड़ा धोखा किया है. प्रदेश के भीतर भ्रष्टाचार चरम पर है. जनप्रतिनिधियों का अपमान किया जा रहा है. महिलाएं सुरक्षित नहीं है. नक्सलवाद की समस्या पहले कहीं ज्यादा विकराल हो गई है. किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. सरकार ने जनता से किए वादों को पूरा नहीं किया है.
लल्लूराम डॉट कॉम को सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक दर्जन भर से अधिक आरोपों के साथ कांग्रेस ने सरकार पर अविश्वास जताया है. इन आरोपों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों ने सरकार को घेरने की तगड़ी रणनीति तैयार की है.
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ जो अविश्वास जताया उन आरोपो में-
सीडीकांड को विपक्ष ने एक बड़ा मुद्दा बनाया है. इस मुद्दे को बड़े जोर-शोर के साथ कांग्रेस ने सदन में उठाया है. बताया जा रहा कि अविश्वास प्रस्ताव में इस मुद्दे को शामिल किया गया है. आरोप है कि सरकार ने प्रजातांत्रिक मूल्यों का पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया है. प्रदेश में तानाशाही रवैय्या चल रही है. विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाकर फंसाया जा रहा है.
किसानों के साथ ठगी करने का काम सरकार ने किया है. 5 साल तक बोनस और 21 सौ रुपये समर्थन मूल्य देने का वादा पूरा ही नहीं किया. किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं. किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. किसानों की जमीनें छीनी जा रही है. किसानों को औद्योगिक विकास के नाम पर विस्थापित किया जा रहा है.
शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की रणनीति है. सुपाबेड़ा के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सड़क में खूब प्रदर्शन किया है. स्वास्थ्य के मुद्दे पर सुपाबेड़ा की स्थिति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर अविश्वास जताया है. साथ ही शिक्षा के मामले में भी सरकार व्यवस्था बेहद लचर रही है. हजारों पद स्कूलों में शिक्षकों और कॉलेजों में प्राध्यपकों के खाली है.
गांवों में मजदूरी और पलायन को लेकर भी सरकार के खिलाफ अविश्वास जताया है. विपक्ष हमेशा से ही मनरेगा और पलायन के मुद्दे को उठाते रहा है. मनरेगा का सबसे बड़ा घोटाला छत्तीसगढ़ में ही हुआ है. लिहाजा सरकार के खिलाफ विपक्ष का आरोप है रमन सरकार ने मनरेगा में मजदूरी देने के नाम पर बड़ी गड़बड़ी और भ्रष्टाचर किया है.
रमन सरकार पर सबसे बड़ा आरोप है नक्सल समस्या को लेकर है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार नक्सल समस्या को रोक पाने में नाकाम रही है. नकस्ल समस्या खत्म होने के बजाय और विस्तारित हो गया है. यहां तक सीएम के गृह जिले कबीरधाम तक पहुँच गया है. ऐसे में यह सरकार भरोसे लायक नहीं है. जवान शहीद हो रहे हैं सरकार सिर्फ मुहतोड़ जवाब देने की बात करती रहती है.
छत्तीसगढ़ में सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है. नीति विहीन सरकार प्रदेश में महंगाई रोक पाने में नाकाम रही है. प्रदेश में कालाबाजारी भी जमकर हो रही है. सूखा राहत दे पाने भी रमन सरकार विफल रही है. बेरोजगारी लगातार बढ़ते जा रही है. प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार है.
रमन सरकार ने गरीबी मिटाने की बजाए बढ़ाने का काम किया है. 18 साल के छत्तीसगढ़ में विकास का दावा करने वाली सरकार की स्थिति ये है कि आज गरीबी का प्रतिशत पहले कहीं ज्यादा बढ़ गया है. एक तरह सरकार का बजट 1 लाख करोड़ के करीब पहुँच गया लेकिन दूसरी गरीबी का प्रतिशत 40 से ऊपर हो गया है. कूपोषण के प्रतिशत में भी कोई खास-गिरावट नहीं आई है. आदिवासी अंचलों में स्थिति अभी भयावह है. रमन सरकार के कार्यकाल में भूख जब कोई बच्चा मर जाए तो वह अविश्वनीय हो जाता है.
छत्तीसगढ़ में आज जल-जंगल-जमीन की लड़ाई है. रमन सरकार ने तीनों ही चीजों को पूंजीपतियों को देने का काम किया है. खनन के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित करने की साजिश रची जा रही है. आदिवासियों को उसके घर से बेघर किया जा रहा है. सैकड़ों गांवों को खाली करा दिया गया है. आदिवासियों को उसके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने काम सरकार ने किया है.
रमन सरकार में प्रशासनिक आतंकवाद इस कदर है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है. उसे पीटा रहा है अपमानित किया जा रहा है. विपक्ष के नेताओं पर कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं. सरकार जब कानूनी तौर पर हार जाती है तो कानून के खिलाफ जाकर षड़यंत्र करने का काम करती है.
सरकार पर सबसे बड़ा अविश्वास है प्रदेश में सरकारी शराब के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है. कमीशनखोरी के लिए सरकार शराब ठेकेदार बन गई है. आज छत्तीसगढ़ में शराब की खफत पहले बढ़ गई है. और तो और बड़े शॉपिंग मॉल में शराब दुकान खोल दिए गए हैं. सरकार कहती हम शराबबंदी की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन शराबबंदी के नाम शराब का धंधा करने में लगी है.
सरकार एक तरफ बेटी बचाओ का नारा देती है दूसरी छत्तीसगढ़ प्रदेश ही 27 हजार बेटियां लापता है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. विपक्ष का आरोप है सरकार सिर्फ नारे तक सीमित है जबकि सच्चाई है कि महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले प्रदेश में बढ़े हैं.
प्रदेश में घटिया निर्माण जमकर चल रहा है. सड़क, पुल, भवन निर्माण के काम में जमकर कमीशनखोरी की जा रही है.
सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में बेचने की साजिश भी सरकार की ओर से की जा रही है.