पेंड्रा-मरवाही। अचानकमार जंगल मे शिकारियों को पकड़ने गई वन विभाग की टीम पर आरोपियों ने हमला कर दिया। जिसमें वन विभाग के रेंजर समेत 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना पर लोरमी थाने में निवासखार गांव के 17 और अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट और गाली गलौज करने की शिकायत हुई। इसके बस अगले दिन पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर भी ग्रामीणों ने हमला कर दिया। जिसमें उनकी बस के शीशे टूट गये।

जानकारों के मुताबिक अचानकमार इलाका शिकारियों और वन तस्करों का सबसे बड़ा अड्डा है। जहां से हर साल करोड़ो के वन संपदा की अवैध तस्करी होती है।

दरअसल अचानकमार के जंगलों में ट्रैपिंग कैमरे में शिकार करने जा रहे कुछ लोगों के फुटेज रिकॉर्ड हुए। जिसके बाद 2 मई को वन विभाग की टीम ने रेंजर संदीप सिंह के नेतृत्व में निवासखार गांव में छापा मारा।

छापेमारी की ये कार्रवाई टाइगर रिज़र्व के उपसंचालक के निर्देश पर निवासखर गांव में की गई। छापे में आरोपियों के पास से शिकार करने के सामान मिले। वन विभाग के छापे में तीर धनुष, फंदा जैसे शिकार के समान ज़ब्त किये गए। जब ये करवाई चल रही थी तभी अन्य ग्रामीणों ने टीम पर हमला करके बंधक बना लिया और ज़ब्त समान छीन लिया। आरोप है कि ग्रामीणों ने रेंजर समेत अन्य फारेस्ट वालों के साथ मारपीट करके घायल कर दिया। फारेस्ट की टीम के लोगों से सार्वजनिक उठक-बैठक कराया गया। इस तरह की दुस्साहसिक घटना छत्तीसगढ़ में पहली बार सामने आई है।

इसके बाद किसी तरह वन विभाग की टीम लोरमी थाने पंहुची। यहां उनकी शिकायत पर पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ 3 मई को कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की।

घटना में रेंजर संदीप सिंह समेत 3 लोगो को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनके बाद पॉलिस की टीम ने जब 9आरोपियों को गिरफ्तार करके ला रही थी तब उनकी बस पर भी ग्रामीणों ने हमला करके रोकने की कोशिश की। पुलिस की बस जब नहीं रुकी को ग्रामीणों ने पत्थर मारकर उसके शीशे तोड़ दिए गए।

घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव है। पुलिस और फारेस्ट के बड़े अधिकारियों को घटना से अवगत करा दिया गया है। अब उनके निर्देश का इंतज़ार किया जा रहा है।

https://youtu.be/lgrSs_dtrq0