राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही अब विधायक अपनी संपत्ति छुपा रहे हैं। अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी विधायकों ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक नहीं की है।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार के दौरान 18 दिसंबर 2019 को हर साल प्रापर्टी का ब्यौरा देने का विधानसभा में संकल्प पारित हुआ था। जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष में विधायकों को डेडलाइन के भीतर विधानसभा को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना है। लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 की डेडलाइन बीतने के बाद भी विधायकों ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।

सीएम सहित 9 विधायकों ने घोषित की संपत्ति

मध्य प्रदेश में 227 विधायक हैं, जिसमें से वित्तीय वर्ष 2020-21 में समय सीमा के भीतर केवल 9 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा को देकर सार्वजनिक किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक की है। सीएम शिवराज सिंह के अलावा एक मंत्री सहित 9 विधायकों ने अपनी संपत्ति घोषित की है। इसमें बीजेपी के 5 औऱ कांग्रेस के 4 विधायक शामिल हैं।

इन्होंने दिया संपत्ति का ब्यौरा

227 विधायकों में विधानसभा को अपनी संपत्ति की जानकारी देने वालों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, पूर्व संसदीय कार्य मंत्री डाॅ. गोविंदसिंह, पूर्व मंत्री रामपालसिंह, हाल ही में दमोह से विधायक चुने गए अजय टंडन ने भी विधानसभा को अपनी संपत्ति की जानकारी दी है। इनके अलावा बीजेपी विधायक चेतन्य कश्यप, शैलेंद्र जैन, कांग्रेस विधायक ग्यारसीलाल रावत, संजय यादव ने भी अपनी संपत्ति घोषित कर दी है।

इन्होंने विधानसभा को नहीं दी जानकारी

अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वालों में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, मंत्री हरदीप डंग के अलावा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत, वन मंत्री विजय शाह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ सीतासरण शर्मा, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और प्रियव्रत सिंह शामिल हैं।

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