रायपुर. ऑनलाइन सट्टा का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म ‘महादेव बुक’ को माना गया है. इसका नेटवर्क दुनियाभर में फैला है. सबसे बड़े सट्टा ऐप महादेव बुक की चर्चा इन दिनों देशभर में है. छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. इसके पीछे की कहानी बहुत कम लोगों को पता है. जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. लेकिन इससे पहले आप ये जान लें कि इसके सरगना दाऊद इब्राहिम से भी बड़े मास्टर माइंड साबित हो रहे है, क्योंकि आज तक पुलिस के पास भी इसके सरगना की तस्वीर किसी को भी नहीं मिली है.
जानकार बताते है कि महादेव बुक के कर्ता-धर्ता और इसकी नींव रखने वाला सौरभ चंद्राकर है. जो भिलाई का रहने वाला है. उसके प्रमुख सहयोगियों के रूप में रवि उत्पल, राज गुप्ता, नितिश दीवान समेत अन्य है, जिनके खिलाफ मामला दर्ज है. सौरभ चंद्राकर के खिलाफ भी कई धाराओं में केस दर्ज है. इसमें सौरभ और एक अन्य साथी कपिल कपड़ा और जूस दुकान में काम करते थे.
पिछले दिनों पुलिस की जांच में यह भी पता चला था कि, महादेव बुक में भिलाई के ऑनलाइन सट्टा किंग सौरभ और रवि के पाकिस्तानियों से कनेक्शन है. दोनों ने दुबई पहुंचने के बाद दो पाकिस्तानियों से संपर्क किया. दोनों को बिजनेस पार्टनर बनाकर ऑनलाइन सट्टे के कारोबार में करोड़ों रुपए निवेश कराया. सट्टे के गेम प्लान में पहले ही सौरभ और रवि ने पहले ही दुबई के एक शेख को जोड़ रखा था. फिर हैदराबाद के रेड्डी अन्ना एप के संचालक से मिलकर पूरे अवैध कारोबार की ट्रेनिंग ली.
वो खुलासे जिसके बारे में शायद आपको पता नहीं…
1. नेटवर्क का पैसा इन्वेस्टमेंट में जा रहा
नेटवर्क का पूरा पैसा कमीशन पर उद्योगपतियों के खाते में जमा किया जाता है. इसके लिए उद्योगपतियों को 10 से 12 प्रतिशत तक का कमीशन भी मिलता है. इसका खुलासा उज्जैन में दर्ज केस के मामले की जांच के बाद सामने आया है. कारोबार का पैसा इंदौर के दो बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था. पुलिस ने जांच में जितने भी बैंक अकाउंट नंबर सामने आए हैं, उनके सभी खाता मालिकों को नोटिस जारी किया है. भिलाई में सौरभ और रवि से जुड़े कुछ लोग सट्टे के पैसे से जगदलपुर और यूपी में जमीन खरीदने और पेट्रोल पंप खोलने में निवेश कर रहे हैं. इधर दुर्ग पुलिस भी कार्रवाई कर रही.
2. पाकिस्तान तक कैसे पहुंचा महादेव बुक, उसकी कहानी भी रोचक
2019 में शुरू हुए इस एप के 35 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं. इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है. आखिर इतना बड़ा नेटवर्क कैसे फैला, इसके पीछे की कहानी विदेशी निवेशक भी हैं. अब यह सट्टा कारोबार न सिर्फ देश के बड़े और छोटे शहरों तक रहा. अब सट्टे का व्यापार पाकिस्तान तक पहुंच गया है. शंका है कि दो पाकिस्तानियों के जरिए सट्टे के बिजनेस में निवेश कराने के बाद इस व्यवसाय को वहां तक पहुंचा दिया है. पूरा व्यवसाय दुबई और अमेरिका से ऑपरेट किया जा रहा है. इस व्यवसाय में दुर्ग के दो सराफा कारोबारी और तीन रायपुर के कारोबारी भी शामिल होने की चर्चा हैं, इन सभी तथ्यों की जांच पुलिस कर रही है.
3. चर्चा है: हवाला और गोल्ड के जरिए पैसो का कर रहे हैं हेरफेर
दुर्ग पुलिस के मुताबिक भिलाई के कुछेक सराफा कारोबारियों का पैसा महादेव बुक के माध्यम से हेरफेर किया जा रहा है. इसके साथ निवेशकों को पैसा गोल्ड में तब्दील कर के कोलकाता के रास्ते देश के अलग-अलग शहरों में पहुंचाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक सराफा कारोबारियों ने बिजनेस पार्टनर बनने सट्टे का खेल शुरू होने के पहले करीब 150 करोड़ रुपए निवेश किए थे. आंध्रप्रदेश में भी बड़े उद्योगपतियों की तलाश की जा रही है.
फैक्ट फाइल: भिलाई से शुरू हुआ महादेव बुक अब पाकिस्तान तक पहुंचा…
- महादेव बुक में जिन लोगों ने पैसा लगाया है उनमें 3 विदेशी इन्वेस्टर भी शामिल हैं. जिनका कनेक्शन पाकिस्तान और दुबई से है.
- 10 कारोबारी भारत के शामिल हैं, जिन्होंने महादेव बुक पर पैसा लगाया है.
- 2000 से ज्यादा युवक भिलाई-दुर्ग के रहने वाले हैं, जो इस नेटवर्क में जुड़कर काम कर रहे हैं.
- वैशालीनगर, शांतिनगर, कैंप, खुर्सीपार और जुनवानी से ही 500 से ज्यादा लड़के हैं इस काम में.
- 35 लाख से ज्यादा यूजर पूरे देश में महादेव बुक के जुड़े हैं.
- 10 से ज्यादा राज्यों में महादेव बुक का नेटवर्क फैला है.
- महादेव बुक के मास्टरमाइंड्स के बारे में कितना जानते हैं आप…
- सौरभ चंद्राकर: महादेव बुक की नींव रखी. कोरोनाकाल के ठीक पहले दुबई से लिंक जुगाड़कर महादेव बुक की शुरुआत की. आज सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया.
- रवि उत्पल: सौरभ चंद्राकर का साथी है. महादेव बुक में सेकंड मैन बताया जाता है. सौरभ का राइट हैंड बताया जाता है.
- राज गुप्ता: अब सौरभ चंद्राकर का मित्र कह सकते हैं. क्योंकि भिलाई में महादेव बुक की आईडी सबसे ज्यादा इसी के पास थी. भिलाई में महादेव का पैर इसी ने जमाया. पहले 10 हजार रुपए महीने में कपड़े दुकान में काम करता था. अब तीसरा बड़ा नाम.
- नितिश दीवान: महादेव बुक में यह नाम भी बड़ा है. वैशालीनगर क्षेत्र का रहने वाला है. राज गुप्ता के माध्यम से सौरभ चंद्राकर से मुलाकात हुई. सौरभ को नितिश इतना पसंद आ गया कि उसे दुबई ले गया. अब बड़े बॉलीवुड एक्टर्स के साथ मिलकर नया सट्टा एप लांच कर दिया है.
ये हैं मास्टरमाइंड्स के शागिर्द…
पुलिस के मुताबिक वैशाली नगर निवासी सागर, हर्षित, विशाल, स्मृति नगर निवासी अभिषेक, दीपक नेपाली, जेल में हत्या की सजा काट रहे बदमाश का दामाद, डीके उर्फ धर्मेंद्र, जगदीश, बॉबी, बलजीत, दुर्ग का बच्चा नाम से मशहूर युवक, मनोज उर्फ मलिक, अजय, राजा, गोपाल, राहुल और धर्मेंद्र उर्फ गोरे, कैलाश नगर का सुनील महादेव बुक का शागिर्द बताए जाते है. ये सभी पकड़े भी गए हैं. इनमें अभिषेक वहीं आरोपी है, जिसका नाम मोहन नगर में पकड़ाए आलोक ने कबूल किया है. वह अभी में नागपुर में रहकर महादेव बुक के तीन पैनल ऑपरेट कर रहा है. स्मृति नगर में दूध व्यापारी के आत्महत्या मामले में भी अभिषेक का नाम सामने आया था. व्यापारी ने अपने सुसाइड नोट में भी अभिषेक का नाम लिखा था.
महादेव का नेटवर्क ध्वस्त करने पुलिस क्या कर रही है ?
- ब्रांचों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई: दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के नेतृत्व में दुर्ग पुलिस महादेव बुक से जुड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी हुई है. अब तक तीन ब्रांच जगदलपुर, छिंदवाड़ा और कोंटा शहर में बंद करा चुकी है.
- रायपुर पुलिस ने भी 20 दिनों में 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है और बैंक अकाउंट में पैसे फ्रिज करवाए है.
- 100 से ज्यादा गुर्गे पकड़े गए: महादेव बुक में सबसे बड़ी कार्रवाई अब तक हो चुकी है. 100 से ज्यादा गुर्गों को दुर्ग पुलिस ने पकड़ा है. कड़ियां जुड़ती जा रही है और कार्रवाई होती जा रही है.
- 24 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश बैंक से फ्रीज: महादेव बुक के तीन ब्रांचों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई है. इन ब्रांचों से करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन हो रहे थे. बैंक खातों में जमा रकम तकरीबन 24 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बैंक में फ्रीज करा दी गई है.
ऑनलाइन सट्टा एप महादेव बुक के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. अब तक हमने रेड मारकर महादेव बुक के तीन ब्रांच को बंद करा दिया है. करोड़ों रुपए बैंक में फ्रीज करा दिए हैं. 100 से ज्यादा युवाओं को गिरफ्तार कर चुके हैं. सौरभ चंद्राकर, रवि उत्पल और राज गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ लुकआउट नोटिस के लिए पत्र लिखा गया है. इसकी कड़ियां जुड़ती जा रही है. हम लगातार कार्रवाई करेंगे.
डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी, दुर्ग