हेमंत शर्मा, इंदौर। सदर बाजार थाना इन दिनों सवालों के घेरे में है। दो दिन पहले पुलिस ने एक युवक को भारी रकम के साथ पकड़ा। बताया गया कि यह पैसा UBT कॉइन खरीदी से जुड़ा था, लेकिन जैसे ही मामला थाने पहुंचा, कहानी बदल गई। सूत्रों के मुताबिक, ढाई लाख रुपए में पूरी डील सेट कर दी गई और आरोपी को आराम से छोड़ दिया गया। यानी थाने के अंदर जांच नहीं, सौदेबाज़ी हुई!

E-Attendance को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ता शिक्षकों और सरकार ने पेश किया जवाब

थाने से लेकर बयान तक सब कुछ सेटिंग में गुम!

थाना प्रभारी यशवंत बाडोले खुद मानते हैं कि युवक से रकम मिली थी, लेकिन जवाब नहीं दे पा रहे कि फिर उसे छोड़ा क्यों गया? जब Lalluram.com ने इस पर सवाल उठाए तो पुलिस की भाषा भी बदल गई। पहले कहा गया – “कैश जब्त है, जांच जारी है।” लेकिन बाद में बयान बदलकर कहा गया – “मामला जांच में है, रकम का स्रोत पता किया जा रहा है।” यानी थाने से लेकर बयान तक सब कुछ सेटिंग में गुम!

रन फॉर यूनिटी: मोदी सरकार ने सरदार पटेल के सपनों को साकार किया, सीएम डॉ मोहन बोले- झंडे के

बड़ा सवाल

अगर पुलिस ने पैसा पकड़ा था तो आयकर विभाग को जानकारी क्यों नहीं दी गई? वरिष्ठ अधिकारियों से मामला छिपाने की जरूरत क्यों पड़ी? और क्या एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा को इस “खुली सेटिंग” की भनक नहीं लगी? गुप्त सूत्रों का दावा है कि पूरे खेल में लाइन के एक सिपाही ने दलाल की भूमिका निभाई। उसी के जरिये सुमित नामक युवक को पैसे देकर छुड़वाया गया। अब देखना यह है कि इस पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करते हैं या फिर इंदौर पुलिस का यह ‘सेटिंग मॉडल’ यूं ही चलता रहेगा। थाने में हुई इस डील ने न सिर्फ पुलिस की साख पर दाग लगाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि इंदौर में अब थानेदार नहीं, रुपया बोलता है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H