राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा में अब पीढ़ी परिवर्तन की तैयारी चल रही है। आडवाणी की तरह मध्य प्रदेश बीजेपी भी दर्जन भर नेताओं को मार्गदर्शन मंडल में भेजने की तैयारी कर रही है। जिन दिग्गजों को रिटायर करने की तैयारी की जा रही है वे मध्य प्रदेश के भीतर पार्टी के पर्याय माने जाते हैं। बड़े परिवर्तन के साथ ही बीजेपी अब नए चेहरों के साथ ही मिशन 2023 में जाने की तैयारी कर ली है।
फार्मूला तैयार
बीजेपी जिन नेताओं को घर भेजने की तैयारी कर रही है उसके लिए फार्मूला भी तय कर लिया गया है। जिसके तहत उम्र दराज हो चुके या हो रहे नेताओं के अलावा अनुशासनहीनता भी फार्मूला का अहम हिस्सा है। कार्यसमिति की बैठक में इसे लेकर दिग्गज नेताओं द्वारा इशारा कर दिया गया था कि बीजेपी समय के अनुसार परिवर्तन की पक्षधर है।
इन पर लागू होगा फार्मूला!
उम्र और अनुशासनहीनता को मिलाकर बनाए गए फार्मूल के तहत इसे चर्चित वरिष्ठ नेताओं पर लागू किया जा सकता है। जिसमें सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री और पाटन विधायक अजय विश्नोई का है। अजय विश्नोई अपने बयानों से लगातार पार्टी नेताओं को घेरते रहते हैं। दूसरा नाम पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया का है। मलैया को दमोह उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार का जिम्मेदार बताया गया था और उन्हें इसके लिए पार्टी ने शोकॉज नोटिस थमाया था। इनके अलावा गौरीशंकर बिसेन, सीतासरन शर्मा, माया सिंह, पारस जैन, महेंद्र हार्डिया, गोपीलाल जाटव, नारेंद्र सिंह, रामपालसिंह, उमाशंकर गुप्ता, गोपाल भार्गव, जयभानसिंह पवैया, अनूप मिश्रा, गौरीशंकर शेजवार, कैलाश चावला हैं।
भविष्य की भाजपा के चेहरे
पार्टी के भीतर अब अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग, मोहन यादव, ऊषा ठाकुर, गोविंदसिंह राजपूत, प्रघुम्नसिंह तोमर, रामकिशोर कांवरे, रामेश्वर शर्मा को भविष्य की भाजपा का चेहरा माना जा रहा है। 2023 में पार्टी इन्हीं चेहरों के साथ एक बार फिर जनता के बीच जा सकती है। इसके साथ ही भगवानदास सबनानी, रजनीश अग्रवाल, राहुल कोठारी, आलोक शर्मा, जीतू जिराती, चिंतामन मालवीय, कविता पाटीदार पार्टी के भीतर उभरते हुए नए चेहरे हैं।
पिता चाबी सौंप देता है
पीढ़ी परिवर्तन पर बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने कहा कि ये तो परिवार में भी हो जाता है। लड़का जब बड़ा होता है तो पिता चाबी सौंप देता है और कहता है काम संभालो। बीजेपी में नित नूतन अभियान चलाने के लिए नए कार्यकर्ताओं की खोज करती है। पुराने कार्यकर्ताओं का अनुभव मिलता है।
संगठन की प्रक्रिया है
वहीं बीजेपी प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि बीजेपी मर्यादा में रहकर संतुलन में भरोसा रखती है। क्षेत्र, वर्ग के साथ उम्र का संतुलन भी जरूरी होता है। जो राजनीति में बड़े स्तर और दिखाई दे रहे हैं उन्हें भी कभी स्थान मिला था। ये संगठन की पक्रिया है।
बीजपी में निपटाने के लिए ऐसे फार्मूले आते हैं
उधर कांग्रेस ने बीजेपी के नए फार्मूले पर तंज कसा है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी में निपटाने के लिए ऐसे फॉर्मूले आते हैं। कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीजेपी में कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है। जब किसी को निपटाना होता है तब ऐसे फॉर्मूले आते हैं। अब 70 पार के लोगों को निपटाना होगा तो फिर फॉर्मूला आ रहा है।
2023 में ये चेहरे हो जाएंगे 70 पार
- नागेंद्र सिंह हो जाएंगे 80 साल के – पूर्व मंत्री
- जयंत मलैया हो जाएंगे 76 साल के
- गोपीलाल जाटव जो जाएंगे 75 साल के
- गौरीशंकर शेजवार हो जाएंगे 73 साल के
- डाॅ. सीतासरन शर्मा भी जाएंगे 73 साल के
- पारस जैन हो जाएंगे 73 साल के
- माया सिंह हो जाएंगे 72 साल की
- गौरीशंकर बिसेन हो जाएंगे 71 साल के
- उमाशंकर गुप्ता हो जाएंगे 71 साल के
- गोपाल भार्गव हो जाएंगे 71 साल के
- महेंद्र हार्डिया हो जाएंगे 70 सााल के
- तुलसी सिलावट हो जाएंगे 68 साल के
- जयभान सिंह पवैया हो जाएंगे 68 साल के
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