भूपेन्द्र भदौरिया, ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब ग्वालियर में अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं और लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं. लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. सिंधिया तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर में है. ग्वालियर में अलग-अलग समाजों में अपनी पैठ बनाते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने 3 दिन में खटीक समाज, पंजाबी समाज, बाल्मिकी समाज, रजक समाज, जैन समाज, ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. इसके अलावा वे ग्वालियर में हो रहे विकास कार्यों का भी निरीक्षण समय-समय पर कर रहे हैं.
सिंधिया राजघराने का गढ़
उल्लेखनीय है कि गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को ग्वालियर सिंधिया राजघराने का गढ़ माना जाता है. क्योंकि उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजया राजे सिंधिया 6 बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 बार चुनाव जीते हैं. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना शिवपुरी संसदीय सीट पर के पी यादव से चुनाव हारे थे. अब महाराज का गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से मोहभंग होता हुआ नजर आ रहा है।
कांग्रेस में कोई बड़ा चेहरा नहीं
बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान पवैया से सिंधिया परिवार को खतरा बना था, लेकिन अब सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं ऐसे में जयभान पवैया उनके साथ हैं. सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस में कोई बड़ा चेहरा चुनाव के लिए नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में कयास यही लगाया जा रहा है कि इस बार महाराज ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं.
कांग्रेस का आरोप- सिंधिया की जमीन नहीं बचेगी
उनके ग्वालियर में अलग-अलग समाजों की बैठक को लेकर कांग्रेस का बयान सामने आया है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस कभी वर्गों को बांटने का काम नहीं करती बल्कि मिलकर देश को चलाने का काम किया है. भाजपा लोगों को जाति में बांटने का काम कर रही है, इसीलिए सिंधिया अलग-अलग समाज के लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि पहले वे 2023 के चुनाव में अपने समर्थक विधायकों को ही चुनाव जीता लें. सिंधिया के ग्वालियर से चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि सिंधिया की जमीन नहीं बचेगी.
सिंधिया परिवार का सभी समाजों से पुराना संबंध
कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. सिंधिया ने कहा कि मैं उसमें रुचि नहीं रख रहा कि कांग्रेस क्या कर रही है. भारतीय जनता पार्टी की सोच है कि सबका साथ और सबका विकास और सब का प्रयास. उसी सोच और विचारधारा के आधार पर हमारा दायित्व है कि अलग-अलग समाज को प्रदेश और देश के विकास में जोड़ा जाए. भारत एक गुलदस्ता है और उस गुलदस्ते में हर समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. सिंधिया परिवार का ग्वालियर के लोगों से प्राचीन संबंध है. इन उद्देश्यों के साथ अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. ग्वालियर सदैव एक गुलदस्ता रहा है और उसी गुलदस्ते को मजबूती प्रदान करना और सब को साथ में लेकर चलना हमारा दायित्व है.
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पुराने नेताओं को एकजुट करने की चुनौती
माधवराव सिंधिया के विमान दुर्घटना में हुई मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उन्होंने गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2002 में चार लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की. वे अब लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं और अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं. अगर सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ते हैं. तो सबसे पहले उनके सामने बीजेपी के पुराने नेताओं को एकजुट करने की चुनौती होगी.
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