प्रमोद निर्मल, मानपुर। छिप-छिप कर वार करने वाले माओवादी अब अपनी युद्ध की रणनीति बदल रहे हैं. माओवादी जवानों के साथ आमने-सामने की जंग या गोरिल्ला वार नहीं बल्कि अब जवानों पर इमोशनल वार करने की बड़ी रणनीति अख्तियार करने जा रहे हैं. जिसके तहत माओवादियों ने जवानों को बेहद इमोशनल करने वाला पर्चा फेंका है. जिसमें नक्सलियों ने जवानों को अपना दुश्मन नहीं बल्कि हुए उन्हें अपना वर्ग-मित्र बताया है. माओवादियों ने जवानों को उनके छोटे-छोटे बच्चों, पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन और घर परिवार की याद दिलाते हुए भावनात्मक रुप से बरगलाने की कवायद की है. पुलिस जवानों से माओवादियों ने सवाल किया है कि आखिरकार बीवी-बच्चों, माता-पिता, घर-परिवार से दूर तनाव व तकलीफ झेलते हुए वे ऐसी नौकरी क्यों कर रहे हैं? आला अफसरों की प्रताड़ना क्यों झेल रहे हैं? माओवादियों ने हाल ही में आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवानों द्वारा अपने साथियों की गोली मारकर हत्या और खुदकुशी किये जाने सहित आत्महत्या के अन्य मामलों का भावुक उदाहरण देते हुए नौकरी छोड़ने की अपील की है. पर्चे में जवानों को नक्सलियों ने कहा है कि वे ऐसी तनाव ग्रस्त और गुलाम जिंदगी को छोड़कर बेहतर जिंदगी जीने के लिए कहा है.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध

इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही माओवादियों ने भी चुनाव की खिलाफत शुरू कर दी है. राजस्व जिला कोंडागांव और पुलिस जिला नारायणपुर के अंतर्गत आने वाले बेचा कडेनार इलाके में नक्सलियों ने पोस्टर लगा कर चुनाव के बहिष्कार का फरमान जारी किया है. कडेनार बेचा बारसूर की ओर मार्ग में बैनर पोस्टर लगाए गए हैं जिसमे माओवादियों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने समेत विभिन्न आह्वान जनता से किया है.

शिविरों का बहिष्कार व कलेक्टर-एसपी को मार भगाने की अपील

अन्य पर्चों में नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षकों व कलेक्टरों पर भी पेशा कानून, पांचवी अनुसूची व प्रशासनिक व पुलिसिया शिविरों को लेकर जमकर निशाना साधा है. माओवादियों ने कडेनार तथा बेचा में आयोजित शिविरों का हवाला देकर शिविरों को फर्जी करार देते हुए पुलिस तथा प्रशासन के शिविरों का बहिष्कार करने की अपील की है. यही नहीं पांचवी अनुसूची व पेशा कानून की वकालत करते हुए इसे न मानने वाले कलेक्टर-एसपी को मार भगाओ जैसे वाक्य भी पर्चों में लिखे गए हैं.

कांग्रेस-भाजपा को भगाकर जनताना सरकार बनाने का आह्वान

माओवादियों ने बैनरों और पोस्टरों के जरिये कांग्रेस व भाजपा सरकारों को लुटेरा, फासीवादी तथा जनविरोधी करार देते हुए कांग्रेस भाजपा को मार भगाने की अपील की है. वहीं जनताना सरकार को सदृढ़ कर इसकी स्थापना की वकालत की है. यही नहीं पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए वोट मांगने आने वालों नेताओं को भी भगाने की बात भी कहा गया है.