कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे बीजेपी में नए-नए समीकरण बनने लगे है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब बहुत कुछ बदले बदले नजर आने लगे है। ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि एक समय उनके धुर विरोधी रहे जयभान सिंह पवैया और प्रभात झा उन पर जुबानी हमला करते थे, लेकिन अब सिंधिया उनसे करीबी बना रहे है। पवैया और प्रभात झा उन्हें सूबे का सबसे बड़ा भू-माफिया कहा करते थे, लेकिन अब सिंधिया के साथ नजदीकियां बढ़ती जा रहीं हैं। सिंधिया ने बीते दिनों प्रभात झा से उनके निवास पर मुलाकात की, इससे पहले जयभान सिंह पवैया के घर भी जाकर सिंधिया मुलाकात कर चुके है। वहीं सिंधिया के इस मुलाकात के दौरे ने सियासी पारा जरूर चढ़ा दिया है, जिस पर कांग्रेस तंज कस रही है।
तीन पीढ़ियों का संबंध बताया
सूबे की राजनीति में उड्डयन ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ऐसा नाम है जो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के केंद्र में हमेशा से रहा है। बात यदि ग्वालियर चम्बल की हो तो सिंधिया एक बड़ा राजनीतिक नाम है। सिंधिया अब अपने विरोधियों को गले लगा रहे है, भोजन कर रहे है। पहले जयभान सिंह पवैया और अब प्रभात झा। सिंधिया ने प्रभात झा से उनके परिवार के साथ पुश्तैनी रिश्ता बता दिया, तीन पीढ़ियों का संबंध भी बताया है।
दिग्गज नेताओं के सुर भी बदले
राजनीति में दिलचस्प बात ये है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे, उस समय प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया के खिलाफ मोर्चा खोला था। ग्वालियर से लेकर भोपाल तक उन्होंने कई प्रेस कांफ्रेस कर हमले किये थे और उन पर जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप भी लगाये थे। अब हालात अलग हैं, सिंधिया के कारण ही भाजपा को सत्ता वापस मिली तो दिग्गज नेताओं के सुर भी बदले हुए हैं। क्योंकि सिंधिया के BJP में आने से प्रभात झा अलग-थलग पड़े हुए थे।
मुलाकत भी सुर्खियां बनी हुई
सिंधिया की पवैया से मुलाकत सुर्खियों में रही है, तो वहीं अब प्रभात झा से मुलाकत भी सुर्खियां बनी हुई है। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा का कहना है, ये राजनीति के लिए गले मिल रहे है, जबकि साल 2018 में प्रभात झा, सिंधिया के खिलाफ मोचा खोले हुए घुमते रहते थे। दोनों को एक दूसरे की जरूरत है तो साथ आ गए है, लेकिन ये रिश्ते ज्यादा समय तक चलने वाले नहीं है। वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि उनके पास आज कोई काम नहीं है। उनकी हालात नाच न जाने आंगन टेड़ा जैसी है।
इसलिए कहा जाता है, राजनीति में कोई हमेशा के लिए दुश्मन नहीं होता है, दुश्मनी भी नफे, नुकसान के साथ की जाती है। ग्वालियर-चंबल में भी शायद यही हो रहा है। कुल मिलाकर जो प्रभात झा मौजूदा वक्त में पार्टी के हाशिए पर चल गए थे, अब उन्हें सिंधिया का साथ मिला हैं।
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