दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश के करोड़ों किशोरों की बेफ्रिक होकर सड़कों पर दो पहिया वाहनों को चलाने की हसरत पूरी कर दी है। अब 16 से 18 साल के युवा भी दो पहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवा सकेंगे। वर्तमान में 18 साल अथवा इससे अधिक उम्र के युवा ही डीएल बनवा सकते हैं। नए नियम लागू होने से मोटरसाइकिल, स्कूटर, स्कूटी आदि दो पहिया वाहन युवा चला सकेंगे।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 20 दिसंबर को 16-18 साल के किशोरों को डीएल बनाने का अधिकार देने  संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके मुताबिक मोटरसाइकिल व हल्के दो पहिया वाहनों को चलाने के लिए किशोर डीएल बनवाने का आवेदन कर सकेंगे। शर्त होगी कि दो पहिया वाहन 50 सीसी से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, वाहनों की अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा वाहन की इंजन क्षमता 4.0 किलोवॉट तक सीमित हो।

परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के फैसले से करोड़ों किशारों को फायदा होगा। सरकार का यह कदम भविष्य में इलेक्ट्रिक व ग्रीन फ्यूल वाली मोटरसाकिल, स्कूटर, स्कूटी आदि को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा। यही कारण है कि मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक व ग्रीन फ्यूल वाहनों के इंजनों की क्षमता .25 से बढ़ाकर 4.0 किलोवाट कर दी है। जिससे वाहनों की रफ्तार थोड़ी बढ़ सके। उन्होंने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकारें मोटर वाहन अधिनियम 1989 के नियमों में बदलाव कर किशोरों का डीएल बनवाने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।

परिवहन विशेषज्ञ एस.पी. सिंह ने इसे देश में मोबिलटी बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा, देश में सार्वजनिक परिवहन सेवा का बुरा हाल है। महानगरों के अलावा छोटे शहरों में लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है। नए नियम से किशोरों को आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के किशोरों को अधिक फायदा होगा। अब यातायात पुलिस डीएल के अभाव में उनका चालान नहीं काटेगी और युवा भी बेफ्रिक होकर घर का कामकाज भी निपटा सकेंगे।