दिल्ली. केंद्र सरकार किसानों को जल्द ही दो बड़े तोहफे देने जा रही है। इसकी घोषणा अगले हफ्ते तक और बजट से पहले हो सकती है। इसके तहत जहां किसानों को मासिक तनख्वाह मिलेगी, वहीं खेती के लिए ब्याज मुक्त लोन भी मिलेगा।
प्रत्येक सीजन में किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये दिए जाएंगे। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में डाला जाएगा। हालांकि यह पैसा किसानों को कुछ शर्तों के साथ मिलेगा। इस पैसे की मदद से किसान खेती के दौरान होने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर सकेंगे। खेती के दौरान किसानों का मुख्य खर्च बीज, खाद, सिंचाई और फसल की पैदावार होने पर मंडी तक की जाने वाली ढुलाई पर होता है।
किसानों को इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना पड़ेगा। इन शर्तों में उपज को बेचने का समय, खरीददार की डिटेल, किसान का आधार कार्ड, फसल की मात्रा, जमीन का विवरण अन्य इन सभी डाटा को फसल की बिक्री के समय इकट्ठा किया जाएगा।
केंद्र सरकार इसके बाद ब्याज मुक्त लोन भी देने का एलान भी कर सकती है, जिससे किसानों पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े। किसानों को एक लाख रुपये का ब्याज मुक्त लोन भी मिलेगा।
केंद्र सरकार की अब सीधे नजर मई 2019 में होने वाले आम चुनावों पर है। इसलिए वो बजट में इस योजना की घोषणा करना चाहती है, ताकि एनडीए एक बार फिर से भारी बहुमत से जीत सकें। मोदी सरकार इस स्कीम पर दो साल से काम कर रही है।
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने 29 जनवरी 2018 को कहा था कि अगले सालों में 1 और 2 राज्यों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की शुरुआत हो सकती है। सुब्रमण्यन ने 2016-17 के आर्थिक सर्वे में यह सिफारिश की थी।
मध्य प्रदेश में साल 2010 से 2016 तक चले पायलट प्रॉजेक्ट में काफी सकारात्मक नतीजे आए थे। इंदौर के 8 गांवों की 6,000 की आबादी के बीच पुरुषों और महिलाओं को 500 और बच्चों को हर महीने 150 रुपये दिए गए। इसी तरह तेलंगाना और झारखंड जैसे छोटे राज्यों में भी इस तरह की स्कीम चल रही है। तेलंगाना में सरकार किसानों को फसल बोने से पहले और बाद में 4-4 हजार रुपये की मदद देती है।