
भुबनेश्वर- ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार की महानदी पर प्रस्तावित नई परियोजना मोहमेला सिरपुर बैराज का कड़ा विरोध किया है. ओडिशा सरकार ने बैराज के लिये शुरु किये गये टेंडर प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है.ओडिशा के जलसंसाधन विभाग के सचिव पी.के.जेना ने छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर इस परियोजना पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है और कहा है कि इस परियोजना के बारे में ओडिशा सरकार को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है.जेना ने एनजीटी के कोलकाता बेंच के 26 जुलाई 2017 के उस आदेश का हवाला दिया,जिसमें एनजीटी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार महानदी पर अब कोई भी नया बांध या बैराज निर्माण संबंधी गतिविधि का क्रियान्वयन ओडिशा सरकार की बिना जानकारी या सहमति के नहीं करेगी.
ओडिशा के जलसंसाधन सचिव पी.के.जेना ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने महानदी पर मोहमेला सिरपुर बैराज के निर्माण के लिये नवंबर 2017 में टेंडर प्रक्रिया शुरु की है और इस परियोजना पर 176 करोड़ रुपये का भारी भरकम खर्च करने जा रही है.उन्होनें कहा कि मोहमेला सिरपुर बैराज का निर्माण पूरी तरह से एनजीटी के आदेश का खुले आम उल्लंघन है.जेना ने यह भी कहा कि ओडिशा सरकार को बिना किसी सूचना दिये परियोजना का निर्माण करना सेन्ट्रल वाटर कमीशन के दिशानिर्देशों का भी खुले आम उल्लंघन है.
ओडिशा विधानसभा में भी जोर-शोर से उठा था मामला
ओडिशा विधानसभा में महानदी पर चर्चा के दौरान बीजेडी विधायक संजय दास बर्मा ने इस मामले को जोर शोर से सदन में उठाया था और महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किये जा रहे एकपक्षीय निर्माणकार्य की कड़ी आलोचना की थी.संजय दास बर्मा ने इस मामले में केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को इस नई परियोजना को शुरु करने से तत्काल रोके.