शिवम मिश्रा, रायपुर। जुगाड़ और तकनीक वाले इस देश में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर कोई नियम कानून बनता है तो उससे पहले उसका तोड़ भी निकल आता है। ऐसा ही कुछ तोड़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जुआरियों ने निकाला है। अब अपने इस जुगाड़ के जरिये वो सूबे की हाईटेक पुलिस को को जीभ चिढ़ाते नजर आ रहे हैं और उन्हें खुला चैलेंज दे रहे हैं अगर पकड़ सको तो पकड़ लो।

कोरोना की वजह से देश के साथ ही प्रदेश में 45 दिन लगातार लॉक डाउन लगा रहा। अनलॉक होने के बाद फिर तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद कई कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में लॉक डाउन लगा रखा है। इस लॉक डाउन में आम आदमी की रोजी रोटी से लेकर व्यापार तक सब प्रभावित हुआ है। इसके अलावा कई अवैध धंधे फले फूले तो कुछ प्रभावित भी हुए, उनमें जुआ, सट्टा जैसे अवैध धंधे भी शामिल हैं। जो प्रभावित तो हुए लेकिन अब उसका भी तोड़ निकाल लिया गया है। जुआरी अब फड़ों में बैठ कर जुआ खेलने की बजाय अब ऑनलाइन जुआ खिला रहे हैं। जिसमें घर के भीतर बैठकर ही जुआरी ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं। इसमें अब पुलिस के छापे का भी डर नहीं, लिहाजा जुआरी इस तकनीक को काफी पसंद कर रहे हैं.

 

ऐसे खिलाया जाता है

जुआ खिलाने वाला व्यक्ति जुआ खिलाने के लिए वाट्सअप ग्रुप बनाता है। उसमें जुआ खेलने के शौकिनों को ऐड किया जाता है। एक ग्रुप में अधिकतम 250 लोग ही ऐड हो सकते हैं। अब उस वाट्सअप ग्रुप में जुआ की बोली लगती है, जो कि 5 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की होती है.

 

उदाहरण के लिए बोली के जरिये एडमिन ग्रुप में पूछता है कि 5 हजार के टेबल में कौन-कौन खेलेगा.. इस तरह 5 लाख रुपये के लिए भी इसी तरह बोली लगाई जाती है। अब जिसे 5 हजार का खेलना है तो वे लोग ग्रुप में अपनी सहमति जताते हैं। जिसके बाद ग्रुप एडमिन लूडो किंग नाम के ऐप के जरिये टेबल क्रिएट करता है और उसका लिंक उन्हें शेयर कर दिया जाता है। एक बार में सिर्फ दो लोगों को ही खिलाया जाता है। जो भी इस खेल में जीतता है वो उसका स्क्रीन शॉट वाट्सअप ग्रुप में डाल देता है और WIN (जीत गया) लिखता है.

 

ऐसे होता है लेन-देन

जुआ खिलाने वाला व्यक्ति जुआ खेलने वाले से पहले ही एडवांस में ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिये पैसे ले लेता है। खेल में जो व्यक्ति जीतता है और ग्रुप में स्क्रीन शाट के साथ WIN लिखकर डालता है तो उसे ग्रुप ऐडमिन ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिये पैसे का भुगतान कर देता है। अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन पेमेंट का लेन-देन नहीं चाहता तो ग्रुप ऐडमिन किसी निश्चित जगह पर उससे पैसे का लेन देन कर लेता है.

5 से 10 प्रतिशत कमीशन

जानकारी के मुताबिक अकेले राजधानी में ऐसे कई वाट्सअप ग्रुप हैं जिनके माध्यम से यह अवैध कारोबार बगैर किसी खौफ के फल-फूल रहा है। इस पूरे अवैध कारोबार को संचालित करने वाले वाट्सअप ऐडमिन जुआ खिलाने की एवज में 5 से 10 प्रतिशत की कमीशन रखता है। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप ऐडमिन इस तरह से जुआ खिलाकर एक दिन में लाखों रुपये की कमाई कर लेता है.