चन्द्रकांत देवांगन, दुर्ग। रेल्वे स्टेशन से अपहृत हुई दुधमुंही बच्ची बुधवार को फुट ओवरब्रिज के नीचे लावारिश हालत में पड़ी मिल गई। माना जा रहा है कि अपहरणकरने वाली युवती और उसका साथी डर की वजह से बच्ची को वापस रेल्वे स्टेशन में छोड़ कर चले गए हैं।
बच्ची के अपहरण होने के बाद मीडिया में आई खबर और पुलिस की तलाशी अभियान से डरकर अपहरणकर्ता के हौसले पस्त हो गए और आज बच्ची को स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 में RR केबिन के पास फुट ओवरब्रिज के नीचे छोड़कर चले गए।
सुबह तकरीबन 10:15 के आस-पास बच्ची को ब्रिज के नीचे आरपीएफ के आरक्षक नीरज को मिली। नीरज ने बच्ची को जीआरपी को सौंप दिया। जिसके बाद जीआरपी ने बच्ची के माता-पिता को बुलाकर उन्हें बच्ची को सौंप दिया। बच्ची मिलने के बाद मां और पिता के आंखों में खुशी से आंसू आ गए।
चौकी प्रभारी आरके पाण्डेय ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि मीडिया में प्रमुखता से खबर दिखाए जाने के बाद आरोपी दबाव में बच्ची को छोड़कर चले गए हैं। हम आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर लेंगे।
क्या था मामला
दुर्ग का रहने वाला निषाद परिवार अपने 3 बच्चों के साथ मंगलवार को गीतांजली एक्सप्रेस से दुर्ग आ रहा था। उनके साथ एक 45 दिन की बच्ची भी थी। इसी दौरान रायपुर स्टेशन से अपने एक साथी के साथ चढ़ी युवती ने दुर्ग पहुंचने से पहले ही निषाद परिवार को अपने बातों के झांसे में लेकर उनसे घुल-मिल गई और बहुत ही शातिराना तरीके से बच्ची का अपहरण कर उसे लेकर गायब हो गई।
बच्ची के पिता सूरज निषाद का कहना था कि युवती ने बड़े ही शातिराना ढंग से बिस्किट दिलाने के नाम पर उनके तीनों बच्चों को ले गई और दो बच्चों को तो उसने बिस्किट दे दिया लेकिन सबसे छोटी बच्ची को युवती ले भागी। घटना के बाद से पूरा परिवार बदहवास सा था। यह परिवार मूलतः कोरिया जिले का रहने वाला है। लेकिन रोजी-मजदूरी की तलाश में पिछले कुछ सालों से ये लोग दुर्ग में रहे रहे हैं।
घटना के पूर्व ये अनूपपुर से लौटे रहे थे इसी दौरान इनके साथ दुर्ग रेल्वे स्टेशन में यह हादसा हो गया। इस मामले में जीआरपी पुलिस अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही थी। बच्चे की तलाश में पुलिस ने अपहरणकर्ता युवती की फोटो सभी थानों में भेज दी थी।