रिपोर्ट – विनोद दुबे

रायपुर। रायपुर केन्द्रीय जेल की निलंबित डिफ्टी जेलर वर्षा डोंगरे एक बार फिर सरकार के निशाने में आ सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक वर्षा को एक बार फिर से आरोप पत्र देने की तैयारी की जा रही है. दरअसल वर्षा डोंगरे ने रविवार को फेसबुक पेज में एक बार फिर सरकार पर जमकर निशाना साधा था. वर्षा ने निलंबन से पहले दिए गए आरोप पत्र को गैर जिम्मेदाराना बताया था.

वर्षा ने यह कमेंट ‘निलंबन आरोप पत्र विशेष के अंश’ नाम से सोशल मीडिया में वायरल हो रही पोस्ट पर अपना कमेंट पोस्ट किया था. जो पोस्ट वायरल हुई है उसमें लिखा है कि “सरकार की तनख्वाह खाती हो और सरकार की नीतियों की आलोचना करती हो.” lalluram.com ने इस खबर को 29 मई को प्रकाशित की थी. इसके पहले उसने बस्तर में आदिवासी महिलाओं व नाबालिग लड़कियों के साथ पुलिसिया अत्याचार पर फेसबुक में पोस्ट डाला था, जिस पर उसे 37 पेज का आरोप पत्र थमाया गया था.

ऐसा क्या लिखा था वर्षा ने

आरोप पत्र में बेहद ही गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाए गए हैं. ऐसा लगता है कि एक लोक सेवक जनता का नहीं बल्कि सरकार का सेवक है. जबकि सरकार स्वयं जनता की सेवक है. इस तरह हम सबका मालिक आम जनता है। सरकारल ने हमें यह जमीन नहीं दी है. बल्कि यह जमीन इस देश में जन्म लेने वाले प्रत्येक नागरिक को स्वतः ही प्राप्त हो जाती है. गलत नीतियां, जिसमें आम जनता का अहित होता हो, के विरुद्ध बोलने की स्वतंत्रता देश के सभी नागरिकों का संवैधानिक मौलिक अधिकार है.

लोक सेवक को पारिश्रमिक, जनता के टैक्सों द्वारा जमा किए गए पूंजी से प्राप्त होता है ना कि कोई शासन अपने स्वयं के जेब से देती है. इसलिए लोक सेवक की जवाबदेही और जिम्मेदारी जनता व शासन दोनों के प्रति होती है. शासन की नीतियों का पालन करने के साथ ही लोक सेवक का कार्य जनता के संवैधानिक संरक्षण सुनिश्चित करना भी है.
हम अन्याय विरोधी हैं…सरकार विरोधी नहीं…जय संविधान.. जय भारत!