रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी को बेकरार कांग्रेस 2018 के चुनाव को लेकर इस बार कोई रणनीतिक चूक नहीं करना चाहती है. लिहाजा इस बार प्रत्याशी चयन में किसी को मनमानी नहीं करने दी जाएगी. न ही किसी बड़े नेताओं के दबाव में किसी को भी मैदान में उतारा जाएगा. कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्र इस बात की तस्दीक करते हैं कि 12 विधायकों की टिकट काटने पर फैसला लिया जा चुका है.
वैसे कांग्रेस से 2013 के चुनाव में जीतकर आने वाले 39 विधायक हैं. लेकिन 39 में तीन विधायक अब अजीत जोगी की पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में 36 विधायकों में से 12 विधायकों की टिकट काटी जाएगी. इसके साथ कुछ और भी विधायक रेड लाइन पर खड़े हैं.
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर किस हद तक संजीदा है, उसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में 5 हजार से कम अंतर से हारने वाले प्रत्याशियों की भी टिकट काटी जा सकती है. बताया जा रहा कि जिन लोगों की टिकट काटी जाएगी उसमें कुछ पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. दिल्ली से मिली जानकारियों के मुताबिक पार्टी सूत्र ये भी बताते हैं कि राहुल गांधी अपने किए हुए सर्वे के आधार पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाएंगे.
सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन 12 विधायकों की टिकट कटने जा रही है, उसमें सभी संभाग के विधायक शामिल हैं. मतलब बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा के के दर्जन भर विधायकों को 2018 में चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा. दरअसल कांग्रेस की ओर से कई तरह से सर्वे कराएं गए हैं. सर्वे के मुताबिक 36 में 12 विधायकों की स्थिति बेहद कमजोर हैं. ऐसे में पार्टी किसी भी तरह से उन्हें दोबारा मौका देकर रिस्क नहीं लेना चाहती है.
फिलहाल जिन विधायकों की टिकट कटने वाली है, उन्हें पार्टी की ओर हिंट कर दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि संगठन के लिए पूरे समर्पण भाव से काम करना है. संगठन की ओर से जिन्हें भी प्रत्याशी बनाया जाएगा उन्हें जीताने की जिम्मेदारी उन्हीं की होगी.