रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में गौसेवा को समर्पित एक सराहनीय सामाजिक पहल की शुरुआत हुई है। नगर पंचायत जरहागांव और ग्राम पंचायत छतौना-बुचुआकापा में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से गौठान समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य आवारा मवेशियों को सुरक्षित आश्रय देना और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम करना है। ग्राम बुचुआकापा में नवनिर्मित गौठान का विधिवत शुभारंभ केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू ने किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण एवं गौमाता के चित्रों की पूजा-अर्चना की और उपस्थित ग्रामीणों को शुभकामनाएं दीं।


गौमाता की सेवा अत्यंत कल्याणकारी – केंद्रीय राज्य मंत्री
केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने अपने भाषण में कहा कि “गौमाता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है। उनकी सेवा पुण्य का कार्य है जो हमें आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ सामाजिक चेतना भी देता है।” उन्होंने छत्तीसगढ़ के इस प्रयास को पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

विधायक ने 2 लाख की सहयोग राशि देने की घोषणा
कार्यक्रम के दौरान विधायक पुन्नूलाल मोहले ने गौठान समिति को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “गौसेवा न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक और जैविक दृष्टि से भी उपयोगी है। गौठानों से मिलने वाले उत्पाद खेती और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होते हैं।”
दुर्घटनाओं में आयेगी कमी
कलेक्टर कुंदन कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सड़क पर घूमते मवेशियों की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। इस पहल से अब उन्हें सुरक्षित आश्रय मिलेगा और लोगों की जान-माल की रक्षा होगी। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा कि “गौमाता को केवल शब्दों से नहीं, हृदय से पूजना चाहिए। उनकी सेवा चारों धामों के दर्शन के समान पुण्यदायक मानी जाती है।”

कैसे काम करेगी गौठान समिति?
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय ने बताया कि यह समिति गीधा से लेकर बरेला तक के क्षेत्र में घूमने वाले मवेशियों के लिए काम करेगी। संचालन में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक राशन कार्डधारी परिवार से 200 वार्षिक सहयोग राशि ली जाएगी। इस राशि से चारा, पानी, भूसा और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी। पूरा संचालन स्थानीय समिति के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। इस आयोजन में वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार, जिला पंचायत CEO प्रभाकर पांडेय, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं नागरिक गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान “एक पेड़ मां के नाम” के तहत वृक्षारोपण कर पर्यावरण चेतना का संदेश भी दिया गया।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें