भोपाल। मध्यप्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा पर वोट डलने के बाद अब बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गज नेता जीत का दमभर रहे हैं कि वो चारों सीटों पर जीत हासिल करेंगे। लेकिन दोनों दलों के लिए चारों सीट जीतना यानी क्लीन स्विप करना इतना आसान नजर नहीं आ रहा है जितना नेताओं के बयान में दिखाई दे रहा है….. इसलिए लल्लूराम डॉट कॉम ने एक सर्वे किया और जिसमें स्थानीय लोगों का अलग-अलग सवालों से मन टटोलने की कोशिश की है।
परंपरागत सीट से मिल सकता है झटका !
उपचुनाव के परिणाम 2 नवंबर को सामने आएंगे लेकिन उससे पहले जो लल्लूराम डॉट कॉम ने एग्जिट पोल किया है उसके हिसाब से परिणाम बराबर रह सकता है यानी 4 में से दो सीटे बीजेपी को और दो सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती है। लेकिन एग्जिट पोल में एक बड़ा उल्टफेर होता दिखाई दे रहा है अगर सर्वे सही साबित होता है तो दोनों दलों के लिए बड़ा झटका होगा क्योंकि दोनों को अपनी परंपरागत सीट गंवानी पड़ सकती है। रैगांव जहां बीजेपी लंबे समय से कब्जा जमाकर बैठी वहां कांग्रेस का खाता खुल सकता है तो वहीं जोबट में कांग्रेस को झटका लग सकता है इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। एग्जिट पोल में ये सामने आया है कि जोबट में कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर ही कांग्रेस के अंदर ही नाराजगी देखी गई यानी कांग्रेस ने इस सीट पर गलत प्रत्याशी का चयन किया इसी के चलते उसे ये सीट गंवाना पड़ सकती है। वहीं खंडवा लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहेगा लेकिन लीड कम हो जाएगी वहीं पृथ्वीपुर सीट पर कांग्रेस का दबदबा जारी रहने की सर्वे में उम्मीद है।
सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई और बेरोजगारी
चुनाव में मुद्दों की बात की जाए तो खंडवा ,पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव में मुद्दे एक जैसे ही रहे। सभी सीटों पर महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनता नजर आया। बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त दिखाई दी और सरकार से नाराजगी भी। इसके साथ ही युवा वर्ग सरकार से बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे पर काफी गुस्से में नजर आया और ये गुस्सा वोटिंग के दिन भी दिखाई दिया इसलिए सत्ता में रहने के बावजूद सर्वे में बीजेपी उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है जितना उसके नेताओं को उम्मीद थी।
शिवराज की लोकप्रियता बरकरार
सर्वे में भले ही जनता और युवा वर्ग सरकार से नाराज दिखाई दिए लेकिन बीजेपी और सरकार के लिए ये शुभ संकेत हैं कि अभी भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जलवा जनता के बीच बरकरार है। उनकी लोकप्रियता में किसी तरह की गिरावट नहीं दिखाई दी है खासकर शहरी और महिलाओं के बीच। ये सभी सरकार के कामकाम से काफी संतुष्ट नजर आए यही कारण है कि आसमान छूती महंगाई के बीद भी सरकार के पक्ष में माहौल दिखाई दिया।
सरकार के कामकाज से खुश
सरकार की जनकल्याण योजना से जनता खुश नजर आई खासकर मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से इन दोनों योजना से किसानों को साल के 10 हजार रुपये सीधे बैंक अकाउंट में आ रहे हैं। सरकार की यही योजना है जिससे किसान बढ़ती महंगाई के बावजूद भी सरकार के साथ कुछ हद तक खड़े दिखाई दिए। इसके अलावा गरीबों को मिलने वाले मुफ्त आनाज और मुख्यमंत्री की सबसे प्रिय योजना लाडली लक्ष्मी योजना से भी लोग काफी खुश थे।
सर्वे की सैम्पल साइज 5 हजार
लल्लूराम डॉट कॉम के सर्वे का सैंपल साइज 5 हजार है। इसमें खंडवा लोकसभा में 2 हजार लोगों तक पहुंचकर वोट देने के बाद मन टटोला। वहीं पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट में एक-एक हजार लोगों से बात की। सर्वे में सभी वर्ग और उम्र के लोग शामिल किए गए है और उसी के आधार पर ये सर्वे तैयार किया गया है।