नई दिल्ली। दिल्ली के गलियारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में मानसून पहले बदलाव के साथ विस्तार की आहट सुनाई देने लगी है. इसके लिए मोदी अपने मंत्रियों की कामकाज की समीक्षा में लगे हैं. कमजोर परफार्मेंस वाले मंत्रियों को हटाए जाने के साथ नए नेताओं को स्थान देने की बात कही जा रही है. इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड भी सत्ता में अपनी और भागीदारी मांग रही है.
मोदी सरकार में वर्तमान में 60 मंत्री हैं, इनमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री शामिल हैं. संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की पूरी गुंजाइश है. बीते एक साल से करोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थीं, लेकिन अब टीम को बढ़ाने की तैयारी है.
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिपरिषद के फेलबदल होने की बन रही संभावनाओं के साथ सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा के अलावा असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को स्थान मिल सकता है. इसके अलावा हर बार की तरह माना जा रहा है, अगले साल चुनाव में जा रहे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और ओडिशा के कुछ चेहरों को भी शामिल कर आश्चर्य पैदा किया जा सकता है.
इसके अलावा जनता दल यू को भी मंत्रिमंडल में स्थान देने की तैयारी है. जनता दल यू ने केवल एक मंत्री लिए जाने पर पहले नाराजगी जताई थी. इस तरह से वर्तमान में सहयोगी दलों में अकेले रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले ही राज्य मंत्री के तौर पर शामिल हैं. ऐसे में जनता दल यू को अहम मंत्रालय देकर संतुष्ट किया जा सकता है, इसके साथ ही कुछ अन्य सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है.