रायपुर। अक्सर ही निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम पर मरीजों के इलाज में गड़बड़ी और बिल को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की इसी तरह की मनमानी को आप भी रोक सकते हैं इस मुहिम से जुड़कर।
रायपुर के एक युवक ने अस्पतालों की ऐसी ही मनमानी के खिलाफ प्रदेश में एक मुहिम की शुरुआत की है। युवा कांग्रेस से जुड़े आशुतोष मिश्रा ने प्राईवेट अस्पताल के आईसीयू, आईसीसीयू, जनरल वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि इलाज के दौरान मरीजों को दी जाने वाली दवाईयों का ब्यौरा सीसीटीवी के माध्यम से मरीज व उनके परिजनों को दिया जाना चाहिए।
आशुतोष का कहना है कि छत्तीसगढ़ के प्रायवेट अस्पतालों में 8-10 दिन भर्ती रहने पर बिल लाखों में चले जाता है। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 2-3 लाख में हार्ट की सर्जरी हो जाती है लेकिन छत्तीसगढ़ में उसी का खर्च 8-10 लाख रूपए का आता है। आखिर भारत के अन्दर इलाज में इतना अंतर कैसे आ जाता है।
मरीज को उसके इलाज की पूरी सीडी देनी चाहिए कि डाक्टरों ने क्या इलाज किया है और कौन-कौन सी दवा व इंजेक्शन दिया है। आशुतोष का कहना है कि यह मरीजों का हक है कि उसे उसके उपचार की पूरी जानकारी होना चाहिए साथ ही उसे अपने इलाज की सही जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी और वह अस्पताल प्रबंधन की गलत मानसिकता का शिकार होने से बच जाएगा।
आशुतोष का कहना है कि इसके लिए वे जल्द ही स्वास्थ्य सचिव सुब्रत साहू व स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से मुलाकात करेंगे।
आपको बता दें कि कई बार ऐसी शिकायतें आई है कि मरीज की मौत होने के बावजूद उसे दो-तीन दिन एक्सट्रा आईसीयू में रख कर प्रबंधन द्वारा बिल बढ़ाया जाता है। इसके अलावा इस तरह की भी शिकायतें आई है कि अस्पताल प्रबंधन अपने ही मेडिकल स्टोर से मरीज के परिजनों से दवाईयां और महंगे इंजेक्शन खरीदवाता है लेकिन उन्हें मरीज के इलाज में इस्तेमाल न करके वापस उसे मेडिकल स्टोर पहुंचा दिया जाता है।