अल्मोड़ा. स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ताकुला में नवजात को एक्सपायरी टीका लगा दिया गया, इससे उसकी हालत बिगड़ गई. अब उसे बेस अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती किया गया हैं, जहां वह जीवन और मौत से जंग लड़ रही है. इस लापरवाही का जवाब किसी के पास नहीं है. सब जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच रहे हैं.
ताकुला विकासखंड के ग्राम अमखोली निवासी विरेंद्र सिंह अपनी पत्नी विमला देवी को बुधवार को प्रसव के लिए पीएचसी ताकुला लाए थे, जहां उसने सामान्य प्रसव के बाद स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. दूसरे दिन स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात को टीका लगाया. जब विरेंद्र सिंह की नजर वॉयल पर पड़ी तो वह हैरान रह गए. जो टीका नवजात को लगाया गया उसकी उपयोग की अवधि 23 दिन पहले ही समाप्त हो चुकी थी, इसकी तस्वीर विरेंद्र ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर ली. स्वास्थ्य कर्मियों ने विरेंद्र को समझाकर जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज कर दिया मगर चार दिन बाद नवजात की हालत बिगड़ गई.
वहीं, चार दिन बाद बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे पीएचसी लाया गया, जहां से परिजन उसे ऑक्सीजन सिलिंडर के सहारे लेकर बेस अस्पताल पहुंचे. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. गंभीर हालत को देखते हुए उसे एनआईसीयू में भर्ती करना पड़ा है. चिकित्सकों के मुताबिक नवजात की हालत लगातार बिगड़ रही है. उसका उपचार चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.