शब्बीर अहमद/मनीषा त्रिपाठी, भोपाल. मध्य प्रदेश कई मामलों में पीछे चल रहा है. प्रदेश में एक्सपोर्ट (Exports decreased in MP) घट गया है. एक्सपोर्ट के मामले में एमपी 13वें से 15वें स्थान पर पहुंच गया. इसके अलावा निगम मंडल (Corporation Board) भी घाटे में चल रहे हैं. जिसको सरकार बंद करने की तैयारी में है. जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex Chief Minister Kamal Nath) ने मोहन सरकार (Mohan Government) पर बड़ा हमला बोला है.

कमलनाथ ने क्या कहा ?

कमलनाथ ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, क्या मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश को हर मोर्चे पर सबसे पीछे करने की क़सम खा ली है? पहले ख़बर आयी कि मध्य प्रदेश का शिक्षा बोर्ड देश में सबसे ख़राब प्रदर्शन वाले राज्यों में पहुँच गया है और अब ख़बर है कि मध्य प्रदेश निर्यात के मामले में 13वें स्थान से लुढ़ककर 15वें स्थान पर पहुँच गया है.”

कमलनाथ ने लिखा, ”उधर महिला सुरक्षा, दलित और आदिवासी सुरक्षा के मामले में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड और भी ख़राब हो गया है. स्वास्थ्य शिक्षा का हाल यह है कि मध्य प्रदेश की पहचान व्यापम और नर्सिंग जैसे घोटालों से होने लगी है.”

उन्होंने कहा कि “मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूँ कि समाज की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था, हर पहलू पर इतनी नाकामी क्यों हासिल हो रही है? इससे बढ़कर चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार इन सारे विषयों पर एकदम चुप है. क्या जनता के विकास के ये सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गए हैं?”

पूर्व सीएम ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा, ”ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने ज़मीनी सचाई से पूरी तरह पीठ फेर ली है और प्रदेश को उसके हाल पर छोड़ कर, ख़ुद सिर्फ़ झूठी ब्रांडिंग से अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हो गई है.”

13वें से 15वें स्थान पर पहुंचा एमपी

बता दें कि डीजीएफटी की रिपोर्ट में जानकारी सामने आई कि एक्सपोर्ट के मामले में एमपी 13वें से 15वें स्थान पर पहुंच गया. 623 करोड़ एक्सपोर्ट घट गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में मप्र का एक्सपोर्ट 65,255 करोड़ रहा. यह पिछले साल के मुकाबले 623 करोड़ रुपए कम है. हरियाणा और ओडिशा जैसे छोटे राज्य भी एक्सपोर्ट के मामले में प्रदेश पिछड़ गया. जबकि गुजरात एक्सपोर्ट के मामले में नंबर 1 है.

निगम-मंडलों को बंद करेगी सरकार

गौरतलब है कि प्रदेश में 46 निगम, मंडल, प्राधिकरण और बोर्डों की नियुक्तियां निरस्त हो गईं हैं. शिवराज सरकार में गठित नए बोर्ड और प्राधिकरण भी मोहन सरकार बंद करने की तैयारी में है. कैग 2022 की रिपोर्ट में बताया है कि प्रदेश में ऐसे 72 में से 40 उपक्रम निष्क्रिय मिले. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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