संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. क्षेत्र में SDM के आदेश का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है. दरअसल लोरमी के 50 बिस्तर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 50 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल परिसर में स्थित एक 3 BHK आवास अलॉट किया गया है. ये आवास 16 अगस्त 2022 को डॉ. देवेश सिंह राजपूत और डॉ. रत्नाकर राजपूत के नाम पर आबंटित किया गया था. उक्त आवास को बारह दिन बाद, यानी 28 अगस्त 2022 को अनाधिकृत रूप से चंद्रकांति चौबे, नेत्र सहायक के द्वारा जबरदस्ती ताला तोड़कर कब्जा किया गया है.

इसे लेकर मुंगेली कलेक्टर, लोरमी एसडीएम, पुलिस थाना लोरमी सहित खंड चिकित्सा अधिकारी को लिखित शिकायत कर मामले से अवगत कराते हुए, उक्त कब्जे को आवास से खाली करवाने के लिए आवेदन किया गया था. ताकि आबंटित किए आवास में रहकर चिकित्सा अधिकारी आपातकालीन सेवाएं दे सकें. वहीं इसको लेकर लोरमी एसडीएम पार्वती पटेल ने भी बेदखली का आदेश तीन सप्ताह पहले जारी किया था. लेकिन इसके बावजूद अब तक उक्त सरकारी आवास में ताला जड़ा हुआ है. जिसके चलते अब सभी चिकित्सा अधिकारी ने एक हफ्ते के भीतर कब्जा नहीं हटाए जाने की स्थिति में काम नहीं करने की चेतावनी दी है.

SDM के आदेश की नाफरमानी

एसडीएम पार्वती पटेल ने बताया कि नायब तहसीलदार राहुल कौशिक को निर्देशित किया गया था कि वे वादग्रस्त आवास एफ-1 को सात दिन में नहीं सौंपने पर खंड चिकित्सा अधिकारी लोरमी को रिक्त कब्जा दिलाकर, कब्जा उपलब्ध करने के बाद प्रतिवेदन जमा करने आदेशित किया गया था. लेकिन अब तक आवास को खाली नहीं कराया जा सका है. हालांकि इसकी सूचना आज बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ ने दिया है. जिस पर जल्द ही विधिवत कार्रवाई की जाएगी. डॉ. दाऊ ने बताया कि डॉ. देवेश के लिए अलॉट आवास पर अनाधिकृत रूप से नेत्रसहायक ने कब्जा किया है, जिसकी जानकारी एसडीएम मैडम को दी गई है. उन्हीं के निर्देश में आगे कार्रवाई की जाएगी.

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