रायपुर. श्री गणेश विनायक आई अस्पताल ने अस्पताल में आंखों की चोट जागरूकता माह को लोगों के साथ मूल्यवान जानकारी साझा करके मनाया जा रहा है, जिससे वे समझ सकें कि सर्जरी के पूर्व आँखों की ख़राब स्थिति में कैसे बच सकते हैं.

काम करने वाले, घर या खेल के दौरान आंखों में कई बार गंभीर चोट लग जाती है, ऐसे कई मरीजों का श्री गणेश विनायक आई अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर रोशनी को बहाल कर किया गया है. संस्थान के निदेशक प्रख्यात नेत्र सर्जन डॉ चारूदत्त कलमकर बताते हैं कि यदि आप रासायनिक संपर्क से प्रभावित होते हैं, तो अच्छी तरीके से पानी से आँखों को धोये, वहीं बर्फ या पानी स्कीइंग जैसे खेलों के दौरान यूवी संरक्षण भी महत्वपूर्ण है. विशेष रूप से बच्चों के आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए.

बच्चों के लिए न लें खतरनाक खिलौने

डॉ चारूदत्त कहते हैं कि ’बच्चों के लिए खतरनाक खिलौने खरीदने से बचें। बच्चों से हानिकारक तरल पदार्थ से दूर रखें, बच्चों को कैंची, पेन, पेंसिल, आदि जैसे तेज उपकरणों के संभावित खतरे के बारे में सिखाएं। वहीं किशोरवय बच्चों को हमेशा सुरक्षात्मक चश्मे पहनने के लिये प्रेरित करें और संभावित उपयोग का पर्यवेक्षण करें. इसके अलावा औद्योगिक नियोक्ता खतरनाक मशीनरी पर कवच लगा कर रखना चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार के तरल पदार्थ, स्प्रे नोज़ल्स को स्प्रे करने से पूर्व सभी निर्देशों को ध्यान से पढना चाहिए.

श्री गणेश विनायक आई अस्पताल में सुविधा

पचपेड़ी नाका न्यू धमतरी रोड, रायपुर में स्थित श्री गणेश विनायक आई अस्पताल में 24×7 के तहत अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता सेवा का विस्तार कर रहा है. पिछले चार वर्षों से देश की अंधापन के विरुद्ध जागरुकता और रोकथाम के लिये श्री गणेश विनायक आई अस्पताल ने गर्व से पिछले तीन वर्षों में 50,000 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी की है. यह 50 बिस्तर वाला अस्पताल नवीनतम उपकरणों और नई प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित है. डॉ चारूदत्त कलमकर (एम्स), डॉ अनिल गुप्ता (शंकर नेत्रालय), डॉ विनय जयसवाल, डॉ सुनील मल्ल (एम्स) और डॉ. अमृता मुखर्जी अपनी सेवा दे रहे हैं.