दिल्ली. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं है. आए दिन ऐसी रिपोर्ट आती हैं कि वहां के हिंदू औऱ अन्य धर्म के लोगों पर किस कदर जुल्म औऱ भेदभाव होता है. पाकिस्तान की सेना के एक विज्ञापन ने देश में अल्पसंख्यकों की बदतर जिंदगी की पोल खोल दी.
दरअसल पाकिस्तान की सेना ने देश के प्रमुख अखबार डान में विज्ञापन दिया. इसमें साफ लिखा है कि सफाई कर्मचारियों की जरूरत है. इसके साथ ही विज्ञापन में एक शर्त लिख दी गई कि ये सारे पद सिर्फ गैर मुस्लिमों के लिए हैं. जाहिर है कि देश के मुस्लिमों को सफाई कर्मचारी के पद पर सेना में तैनात नहीं किया जाएगा जबकि अल्पसंख्यकों को ही सफाई कर्मचारी के पद के काबिल समझा जाता है.
खास बात ये है कि डान अखबार में छपे विज्ञापन के मुताबिक सेना में कई पदों के लिए भर्तियां हो रही हैं लेकिन उनमें सफाई कर्मी, जूते सिलने वाले औऱ बाल काटने वाले पदों के लिए अल्पसंख्यकों को आरक्षित किया गया है.
इस विज्ञापन के बाद ही देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक समूह के लोगों ने विरोध करना शुरु कर दिया. पाकिस्तान के जागरुक लोगों ने भी सेना को इसके लिए निशाने पर ले लिया. पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने कहा कि मुसलमान सिर्फ देश में गंदगी फैलाएं औऱ अल्पसंख्यक उसकी सफाई करें. अल्पसंख्यकों का काम केवल सफाई करना ही रह गया है.