राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर मामले पर सियासत लगातार तेज होती जा रही है. कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. वहीं बीजेपी भी कांग्रेस के बयानों पर पलटवार करने में पीछे नहीं नजर आ रही है. कांग्रेस का कहना है कि वह पहले दिन से ओबीसी वर्ग के साथ है. तो वहीं बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को दूरदृष्टि दोष और निकट दृष्टिदोष दोनों है.
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ओबीसी आरक्षण मामले पर कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पहले दिन से ओबीसी वर्ग के साथ है. कांग्रेस की देन है कि बीजेपी के ओबीसी मंत्री आज किसानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें मजदूर से जमींदार बनाया है. बीजेपी नेता पाखंड और ढोंग करते हैं. दलित अत्याचार में बीजेपी सबसे आगे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी नेता रोज नया मुखौटा धारण कर लेते हैं. सरकार ने कोर्ट में लिखकर दिया कि 14 प्रतिशत आरक्षण दीजिए. बीजेपी कोर्ट में जीती को कमलनाथ सरकार के एफिडेबिट के आधार पर ही जीतेगी.
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वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को दूरदृष्टि और निकट दृष्टिदोष दोनों है. बीजेपी के ओबीसी, एससी और एसटी के केंद्रीय मंत्री जनता के बीच पहुंचे रहे हैं. कांग्रेसी अपने ही नेताओं की धज्जियां उड़ाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि इनकी नजर में ही दोष है. कांग्रेस ने किसी भी वर्ग के साथ संतुलित और समान व्यवहरा नहीं किया. ओबीसी वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के साथ भी अन्याय किया है.
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क्या है पूरा मामला
प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 फीसदी होने का हवाला देते हुए ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी. कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था. वहीं ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने पर आरक्षण का कुल कोटा 50 फीसदी से भी अधिक हो रहा है. इसे लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग पक्षों ने याचिकाएं भी लगाई है. जिस पर हाईकोर्ट की सुनवाई जारी है. रिजर्वेशन के फैसले की वजह से भर्ती प्रक्रियों में भी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की है, जहां ओबीसी वर्ग की भर्ती प्रक्रिया अभी 14% आरक्षण के अनुसार होगी.
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