रायपुर.फेसबुक की दक्षिण एशिया पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल यूनिट में कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इनमें से एक छत्तीसगढ़ के पत्रकार आवेश तिवारी हैं. पत्रकारों पर अंखी ने ऑनलाइन पोस्ट और कंटेंट के जरिए कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इधर, रायपुर में भी अंखी दास के खिलाफ आवेश ने धमकी देने की शिकायत दर्ज करा दी है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल में 14 अगस्त को एक लेख प्रकाशित होने के बाद दास सुर्खियों में आई हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि फेसबुक ने भारत में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बीजेपी का पक्ष लिया है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी इस मसले को उठाते हुए बीजेपी और फेसबुक के गठबंधन की आलोचना की थी. इस खुलासे के बाद देश भर से पत्रकारों ने फेसबुक और अंखी दास की आलोचना की थी.

एक न्यूज़ एजेंसी के हवाले से जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई है उसके मुताबिक कंटेट और ऑनलाइन पोस्ट के जरिए जान से मारने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. एफआईआर में एक महिला सहित पांच लोगों के नाम हैं, जो ट्विटर पर सक्रिय हैं. इसमें से एक आवेश तिवारी हैं. जिनका ताल्लुक छत्तीसगढ़ से है. जबकि एक और शख्स की पहचान हिमांशु देशमुख के रुप में की गई है. रिपोर्ट में दोनों की फेसबुक प्रोफाइल का ज़िक्र किया गया है.

इन सभी के खिलाफ बेहद गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. आईपीसी की धारा 354ए, 499/500, 506, 507, 509 कानून के अन्य लागू प्रावधानों के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है.लुटियंस दिल्ली में एक बहुत ही प्रभावशाली बहुराष्ट्रीय कंपनी प्रतिनिधि में से एक के रूप में देखे जाने वाली दास ने अपनी प्राथमिकी में कहा है, “14 अगस्त 2020 की शाम से, मुझे मेरे जीवन और शरीर के लिए हिंसक धमकियां मिल रही हैं. मैं आरोपी व्यक्तियों की ओर से मिल रही धमकियों से बेहद परेशान हूं. सामग्री (कंटेंट), जिसमें मेरी तस्वीर भी शामिल है, जाहिर तौर पर मेरे जीवन और शरीर के लिए खतरा है. मुझे अपनी और मेरे परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर डर है.”

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि “एक लेख के आधार कंटेंट मेरी प्रतिष्ठा को खराब कर रहे हैं और मुझे धमकियां मिल रही हैं.” दास फेसबुक में पब्लिक पॉलिसी की डायरेक्टर हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि एक विशेष राजनीतिक दल के साथ मिलकर कई लोगों ने डब्ल्यूएसजे में पब्लिश लेख के बाद उन्हें टारगेट किया है. प्राथमिकी में कहा गया है, “अभियुक्तों ने जानबूझकर अपनी राजनीतिक संबद्धता के कारण मुझे दोषी ठहराया है और अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दुर्व्यवहार में संलग्न हैं. मुझे आपराधिक धमकी दी जा रही है.” दास ने उन पर यौन रूप से भी भद्दी टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और उन्हें बदनाम करने के लिए यह किया जा रहा है.

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, “चूंकि मेरी तस्वीरें और ब्योरे सार्वजनिक रूप से अपराधियों द्वारा साझा किए जा रहे हैं, इसलिए मैं लगातार भय और धमकी के अधीन हूं, खासकर एक महिला होने के नाते.” दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया कि एफआईआर में बताए गए आरोपियों की पहचान की जा रही है. पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी, जिसमें कानून के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

इस बीच एक फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, “हम हिंसा को उकसाने वाले हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं. हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है. हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं. साथ ही हम अपनी प्रक्रियाओं की नियमित रूप से ऑडिंटिंग भी करते रहते हैं.’’