दिल्ली. किसी इंसान की प्राइवेसी की कोई कीमत नहीं होती है. अगर आपकी प्राइवेसी की कोई भी शख्स कीमत लगाता है तो आप किसी भी कीमत पर अपनी प्राइवेसी का सौदा नहीं करना चाहेंगे लेकिन आपके लिए परेशान होने वाली खबर है. आपकी निजता की कीमत है सिर्फ 350 रुपये. खासकर फेसबुक पर आपके सारे डिटेल्स सिर्फ 350 रुपये में बिक जाते हैं. आपको बताते हैं कैसे.
फेसबुक पर इन दिनों डेटा लीक करने के आरोप लग रहे हैं. कंपनी के कर्ता धर्ता मार्क जुकरबर्ग सबको बताते बताते परेशान हैं कि ऐसा नहीं है लेकिन अब उनकी बातों में दम नहीं दिखता है. जानी मानी कटेंट मार्केटिंग एजेंसी फ्रैक्टल ने पिछले माह डार्क वेब (डार्क वेब वो बला है जिसमें वेबसाइट्स होती हैं औऱ जो एक खास इनक्रिप्टेड नेटवर्क पर पाई जाती हैं और उनको ट्रेडिशनल सर्च इंजन या वेब ब्राउजर्स पर नहीं पाया जा सकता है, ये अपनी आइडेंटिटी एक खास टूल टोर इनक्रिप्टेड टूल के जरिए छिपा लेती हैं) के बड़े मार्केट प्लेस, ड्रीम, प्वाइंट, वाल स्ट्रीट, मार्केट की स्टडी की.
सबसे पहले एजेंसी ने टार नेटवर्क लिया, जिसमें यूजर इंटरनेट ब्राउज बिना किसी पहचान के खुलासे के कर सकते हैं. खास बात ये है कि टार, डार्क वेब तक पहुंचने के लिए जरूरी चीज है. इसके बाद रिसर्चर्स ने पाया कि इस डार्क वेब की दुनिया में एक फेसबुक लागिन 5 डालर में मिल रही है. यानि की बिक्री के लिए उपलब्ध है. खास बात ये है कि फेसबुक पर मौजूद कई थर्ड पार्टी एप जैसे गेमिंग एप, क्विज एप सोशल नेटवर्क पर मौजूद हैं और उनके जरिए हैकर्स आसानी से डेटा उड़ा लेते हैं.
इंटरनेट की काली दुनिया में पोर्न, हथियार से लेकर ड्रग्स तक का कोराबार होता है. खास बात ये है कि जिस टार नेटवर्क का इस्तेमाल इस दुनिया में होता है उसकी खोज रक्षा सेवाओं के लिए हुआ था ताकि रक्षा सेवा से जुड़े लोग अपनी पहचान छुपाकर या खुफिया एजेंसी के लोग बिना अपनी पहचान उजागर किए इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें लेकिन हैकर्स ने यहां भी अपनी पैठ बना ली.