नोएडा. उत्तर प्रदेश के पहला और सबसे बड़ा टर्शरी ट्रीटमेंट वाटर (टीटी वाटर) प्लांट का निर्माण पूरा हो गया है. फिनिशिंग का काम किया जा रहा है. इसके अक्टूबर में शुरू होने की पूरी उम्मीद है. इसका फायदा शहर के 91 सेक्टर और 33 गांव के 10 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा. ये प्लांट सिक्वेंसियल बैच रियेक्ट (एसबीआर) तकनीक से बनाए गए है. इसमे सिवरेज पानी को तीन बार शोधित कर प्रयोग में लाया जाएगा.

नोएडा की करीब आधी आबादी के 100 एमएलडी सिवरेज पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट के निर्माण में 143.58 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इसके अलावा सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123, सेक्टर-168 में बने एसटीपी बने है. एसटीपी तक सीवरेज पहुंचाने के लिए 36 सीवरेज पंपिंग स्टेशन सीवरेज को अपलिफ्ट के लिए बनाए गए है. एक्पर्ट ने बताया कि टर्शरी वाटर में मानकों के मुताबिक बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा को कम किया जाएगा. पानी को एसटीपी प्लांट में तीन बार ट्रीट किया जाएगा. जिससे इस पानी की क्वालिटी और बेहतर होगी. इसकी अधिकता होने से पानी में बदबू आने लगती है.

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नोएडा में चार एसटीपी प्लांट है. जो पहले से ही 190 एमएलडी सिवरेज पानी को शोधित कर रहे है. इसमें 135 एमएलडी पानी का प्रयोग हो रहा है. ये पहला प्लांट होगा जो टर्शरी वाटर की सप्लाई करेगा. इसके लिए पाइन लाइन बिछाने का काम भी पूरा हो चुका है.