रायपुर। राज्य में पुरातात्विक महत्व की जगहों और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का जितना विकास होगा, उतने ही रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. देश और दुनिया के लोग हमारी संस्कृति के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की क्षमताओं के बारे में भी जान सकेंगे. इससे राज्य को एक नयी पहचान मिलेगी. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाली महोत्सव के समापन समारोह में कही.

कोरबा जिले के पाली में महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भिलाई से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. कार्यक्रम स्थल में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और स्कूल शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम मौजूद रहे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज पाली-महोत्सव न सिर्फ कोरबा जिले की, बल्कि छत्तीसगढ़ की भी पहचान बन चुका है. इस महोत्सव की प्रसिद्धि और बढ़े, इसे और भी वृहद स्तर पर आयोजित किया जाए, इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है.

मुख्यमंत्री ने पालीवासियों को महाशिवरात्रि के अवसर पर सौगात देते हुए पाली के बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की घोषणा की. पाली के कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों ने महामाया महिला स्व सहायता समूह को काजू से तेल निकलने की यूनिट और चार महिला स्व-सहायता समूहों शिवराजी महिला समूह, लक्ष्मी स्व सहायता समूह, तुलसी स्व सहायता समूह और सरस्वती महिला समूह की सदस्यों को भी प्रतीकात्मक रूप से मक्का प्रोसेसिंग यूनिट प्रदान की. इस दौरान सबसे अधिक जैविक खाद खरीदने वाले तीन गोधन मित्रों अरुण राठौर, अरविंद प्रताप सिंह और कार्तिक राम को भी सम्मानित किया गया.

पर्यटन स्थलों पर विकसित हो रही सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरबा जिले में चैतुरगढ़, बुका-जलाशल, सतरेंगा, बांगो-बांध और पाली सहित बहुत सी ऐसी जगहें हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं. इन सभी जगहों पर सरकार द्वारा कई पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कोरबा जिले के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में नये पर्यटन स्थलों को चिन्हित करके उनका विकास किया जा रहा है. राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ ऐसी ही एक परियोजना है, जिसमें कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक पहले चरण में 9 स्थानों को चिन्हित कर उनके सौंदर्यीकरण और विकास का कार्य शुरु किया जा चुका है.

धरोहरों को गढ़ने से ही बनेगा नवा छत्तीसगढ़

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरखों की चिन्हारी और पुरातात्विक धरोहरों को सहेजने और उन्हें गढ़ने से ही नवा छत्तीसगढ़ बनेगा. उन्होंने छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान और संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की मंच से भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि पाली-महोत्सव के माध्यम से हमारे लोक-कलाकारों को मंच मिलता है. हमारी लोक-कलाओं को संरक्षण मिलता है. इन लोक-कलाओं को भी सहेजते हुए अपनी अगली पीढ़ी तक पहुंचाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने पुरातत्व को बचाना.

सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने जताया आभार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने छत्तीसगढि़या तीज-त्यौहारों परंपरा और धरोहरों को सहेजने और उनका संवर्धन करने के कामों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया. डॉ. टेकाम ने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मोे, वर्गो, समुदायों के रीति-रिवाजों और परंपराओं को बचाने और बढ़ाने का काम कर रही है. गिरौदपुरी हो या भंडारपुरी या दामाखेडा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैैं. ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आजीविका के साधन बढाने के लिए भी कई काम हो रहे हैं. कार्यक्रम को पाली-तानाखार के विधायक श्री मोहितराम केरकेट्टा ने भी संबोधित किया.

कार्यक्रम में कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, नगर पालिक निगम के सभापति श्यामसुंदर सोनी, सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा सहित कलेक्टर किरण कौशल, पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना, जिला पंचायत के सीईओ कुंदर कुमार एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.