अटल शुक्ला, सीधी। शहर में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में गुटबाजी चरम पर है। गुटबाजी के चलते मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला को पार्टी जिलाध्यक्ष इंद्रशरण सिंह चौहान ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सीधी के मंडल अध्यक्ष को पद एवं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आज निष्कासित कर दिया है।

विगत दो सप्ताह पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला के खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला पंजीबद्ध हुआ था। इसके बाद जिला अध्यक्ष उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब देते हुए धर्मेंद्र शुक्ला ने कहा था कि मैं लगातार 16 सालों से पार्टी के लिए पूरे मनोयोग से काम कर पार्टी की रीति नीत को घर-घर तक पहुंचाया है। कभी भी पार्टी विचारधारा के विरोध में मैंने काम नहीं किया। कुछ राजनैतिक षड्यंत्र मेरे खिलाफ रचे जा रहे हैं। समय आने पर सत्य अपने आप लोगों के सामने आ जाएगा। मेरी किसी भी एजेंसी से जांच करा ले मैं दोषी नहीं हूं। मेरा नाम जबरदस्ती पूरे घटनाक्रम से जोड़ा गया है।

इसके बावजूद सीधी जिला अध्यक्ष ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए नगर मंडल अध्यक्ष अरविंद शुक्ला दो अध्यक्ष पद एवं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। हालांकि इस पूरे मामले में लोगों द्वारा कहा जा रहा है बीजेपी में गुटबाजी सत्ता और संगठन के बीच पूरी तरह हावी है। धर्मेंद्र शुक्ला सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के अत्यंत करीबी होने के कारण गुटबाजी का शिकार हुए है ऐसा बताया जाता है। वे विधायक के करीबी ना होते शायद आज उनके खिलाफ यह कार्यवाही जिलाध्यक्ष द्वारा नहीं की जाती। हालांकि सीधी एवं सिंगरौली के कई मंडल अध्यक्ष के खिलाफ मामला पंजीबद्ध हैं लेकिन पार्टी द्वारा यह कार्यवाही एकतरफा की गई है।

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